राजस्थान के उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भंवर सिंह भाटी ने कहा कि राज्य में बालिका निशुल्क शिक्षा योजना अगले सत्र से लागू की जायेगी। श्री भाटी ने आज यहां पत्रकारों को बताया कि सरकार की 60 दिवसीय कार्ययोजना के तहत इस योजना के प्रथम चरण में सत्र 2019-20 में समस्त राजकीय महाविद्यालयों और सत्र 2020-21 से समस्त विश्वविद्यालयों में कन्याओं को निशुल्क शिक्षा मुहैया कराने के प्रस्ताव तैयार किये जा रहे हैं।
वर्तमान में राज्य के सभी राजकीय महाविद्यालयों में करीब दो लाख छह हजार छात्रायें अध्ययनरत हैं। इनका औसतन शुल्क 900 से 1200 तक है, इसके पुनर्भरण पर राज्य सरकार पर 18 से 20 करोड़ रुपये का भार आयेगा। श्री भाटी ने कहा कि राज्य के समस्त राजकीय महाविद्यालयों में कन्याओं के लिये नेपकिन वेंडिंग मशीन लगाने के लिये प्रस्ताव भिजवाया जायेगा।
महाविद्यालयों में विद्यार्थियों को निशुल्क कोचिंग की व्यवस्था करने, युवाओं को रोजगारोन्मुखी शिक्षा मुहैया कराने की व्यवस्था करने, अम्बेडकर विश्वविद्यालय और हरिदेश जोशी पत्रकारिता विश्वविद्यालय पुन: शुरू करने, महाविद्यायों, विश्वविद्यालयों में भयमुक्त वातावरण स्थापित करते हुए उनकी स्वतंत्रता और स्वायत्तता सुनिश्चित करने, कमजोर अनुसूचित जाति जनजाति, पिछड़ अल्पसंख्यक एवं दिव्यांग विद्यार्थियों के लिये कार्ययोजना तैयार करके राज्य सरकार के स्तर पर परिपत्र जारी किया जायेगा।
इसके अलावा अन्य बिंदुओं पर भी प्रस्ताव तैयार किये जायेंगे। श्री भाटी ने कहा कि पिछली सरकार ने राज्य के 46 महाविद्यालयों को शुरू करवा दिया लेकिन उनके लिये न भवन का प्रावधान किया गया न ही शिक्षक मुहैया कराये गये। अब उनकी सरकार इनमें भवन के साथ ही गुणवत्तायुक्त शिक्षा की मुहैया कराने की व्यवस्था करेगी। इसके लिये रिक्त पद भरे जायेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने जो वायदे किये उन्हें पूरा करेगी।