मशहूर दवा कंपनी जॉनसन ऐंड जॉनसन ने कहा है कि वह अपनी कोरोना वायरस वैक्सीन का फेज 3 ट्रायल शुरू कर रही है। कंपनी के अनुसार, शुरुआती स्टेज में वैक्सीन ने पॉजिटिव रिजल्ट्स दिए हैं। फेज 3 ट्रायल में वैक्सीन को 60,000 लोगों पर आजमाया जाएगा। इसके लिए अमेरिका और बाकी दुनिया में 200 जगहें चुनी गई हैं। इसी के साथ, जॉनसन ऐंड जॉनसन की वैक्सीन दुनिया की दसवीं ऐसी कोरोना वैक्सीन बन गई है जो फेज 3 ट्रायल में पहुंची हैं। अमेरिका की यह चौथी ऐसी वैक्सीन है। कंपनी ‘नॉट फॉर प्रॉफिट’ के तहत यह वैक्सीन डेवलप कर रही है। उसने कहा कि अगर सबकुछ ठीक रहा तो 2021 की शुरुआत तक इसे इमर्जेंसी अप्रूवल मिल जाएगा।
जॉनसन ऐंड जॉनसन ने कहा कि उसे उम्मीद है कि दिसंबर तक यह साफ हो जाएगा कि वैक्सीन असरदार है या नहीं। मॉडर्ना और अस्त्राजेनेका ने भी लगभग इसी वक्त तक वैक्सीन के असर को लेकर नतीजे आने की बात कही है। फाइजर ने कहा है कि वह अक्टूबर तक वैक्सीन को लेकर अपडेट देगी।
जॉनसन ऐंड जॉनसन की वैक्सीन सर्दी-खांसी देने वाले एडेनोवायरस की सिंगल डोज पर आधारित है। इसमें नए कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन को भी शामिल किया गया है। कंपनी ने यही तकनीक इबोला वैक्सीन के लिए भी इस्तेमाल की थी जिसे इस साल जुलाई में यूरोपियन कमिशन ने अप्रूवल दिया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी जॉनसन ऐंड जॉनसन की वैक्सीन को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ‘हम अमेरिकंस से वैक्सीन ट्रायल्स में शामिल होने की अपील करते हैं, यह देश के लिए बहुत अच्छा काम होगा।’ वहीं दवा कंपनी के चेयरमैन एलेक्स गोर्स्की ने कहा कि ‘कोविड-19 महामारी को खत्म करना ही हमारा मकसद है।’
अमेरिका के टॉप हेल्थ एक्सपर्ट डॉ एंथनी फाउची ने कहा, “Sars-CoV-2 की पहचान होने के महज 8 महीनों के भीतर अमेरिका में कोविड-19 की चार वैक्सीन फेज 3 क्लिनिकल टेस्टिंग में पहुंच गई हैं। यह साइंटिफिक कम्युनिटी के लिए अभूतपूर्व सफलता है।” अमेरिका ने जॉनसन ऐंड जॉनसन को ‘ऑपरेशन वार्प स्पीड’ के तहत 1.45 बिलियन डॉलर रुपये दिए हैं।