बांग्लादेश के विदेश मंत्री डॉ ए के मोमीन ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री शेख हसीना अक्टूबर में भारत यात्रा पर जा सकती हैं जहां वह लंबे वक्त से लंबित तीस्ता जल बंटवारा संधि और रोहिंग्या संकट समेत कई द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा कर सकती हैं। तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद यह हसीना की पहली भारत यात्रा होगी।
मोमीन ने बताया, ‘‘ हमें उम्मीद है कि यह यात्रा अक्टूबर के पहले हफ्ते में होगी। हम इस महीने के उत्तरार्ध में होने वाली भारत के विदेश मंत्री जयशंकर की सरकारी यात्रा के बाद हसीना की यात्रा की तारीख और एजेंडे को अंतिम रूप देंगे।’’
जयशंकर 20 अगस्त को दो दिन की यात्रा पर ढाका आएंगे। मोमीन ने बताया कि प्रधानमंत्री की यात्रा के एजेंडे में सभी द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दे सम्मिलित हैं जिनमें 54 साझी नदियों, खासकर, तीस्ता नदी के जल बंटवारे का मुद्दा भी शामिल है।
तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सितंबर 2011 की बांग्लादेश यात्रा के दौरान तीस्ता समझौते पर हस्ताक्षर होने थे लेकिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आपत्ति के बाद आखिरी मिनट में इसे टाल दिया गया।
तीस्ता बांग्लादेश के लिए अहम है, खासकर, दिसंबर से मार्च की अवधि के दौरान जब पानी का स्तर 5000 क्यूसेक से घटकर 1000 क्यूसेक से भी कम हो जाता है।
मोमीन ने कहा कि सैद्धांतिक तौर पर हम तीस्ता पर समझौते पर सहमत थे लेकिन पश्चिम बंगाल के ऐतराज के बाद इसे टाल दिया गया।
उन्होंने कहा कि हसीना की यात्रा के दौरान रोहिंग्या संकट पर भी बातचीत हो सकती है। मंत्री ने कहा, ‘‘ नई दिल्ली ने ढाका से कहा है कि रोहिंग्या मुसलमानों को उनके वतन वापसी भेजने की प्रक्रिया तुरंत शुरू हो जानी चाहिए… मुझे यकीन है कि यह प्रक्रिया जल्द शुरू होगी।’’