प्रकृति के साथ मानव समाज बहुत से दिनों से खिलवाड़ करता आ रहा है। पर्यावरण सुरक्षा के लिए बने नियमो की आये दिन अनदेखी करते हुए वयक्ति अपने कार्य सिद्ध करने में लगा है,लेकिन प्रकृति के प्रकोप से कौन बच सकता है। प्रकृति जब अपना विकराल रूप प्रदर्शित करती है सब उसके बहाव में बह जाता है। जिसे प्राकृतिक आपदा कहते है।
प्राथमिकता अब क्षतिग्रस्त हुए हर घर तक पहुंचना
भारी वर्षा से बाढ़ और भूस्खलन से रवांडा में कम से कम 129 और युगांडा में छह लोगों की मौत हो गई है। रवांडा के राष्ट्रपति पॉल कागमे ने एक बयान में कहा कि उनकी सरकार प्रभावित लोगों की मदद कर रही है, जिसमें अस्थायी पुनर्वास भी शामिल है। रवांडा के पश्चिमी प्रांत के गवर्नर फ्रेंकोइस हैबिटगेको ने कहा, “हमारी मुख्य प्राथमिकता अब क्षतिग्रस्त हुए हर घर तक पहुंचना है।
मार्च के अंतिम से रवांडा और युगांडा में निरंतर वर्षा
ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि फंसे हुए किसी भी व्यक्ति को बचाया जा सके। मार्च के अंत से रवांडा और युगांडा में भारी और निरंतर बारिश हो रही है। युगांडा के अन्य ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भूस्खलन की सूचना मिली है, जैसे रेवेनजोरी पहाड़ों के पास कासे, जहां जलप्रलय और बाढ़ ने घरों को नष्ट कर दिया और सैकड़ों विस्थापित हुए।