ईरान में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव संपन्न हुए और ईरान की आवाम ने अपने लिए नए राष्ट्रपति को चुन लिया। ईरान में आयतुल्ला अली खामेनेई के कट्टर समर्थक और कट्टरपंथी न्यायपालिका प्रमुख इब्राहीम रईसी ने शनिवार को बड़े अंतर से जीत हासिल की।
सूत्रों के मुताबिक, ईरान के इतिहास में इस बार सबसे कम मतदान हुआ, जिसके चलते हसन रूहानी को अपना पद गंवाना पड़ा। आपको बता दें कि नए राष्ट्रपति रईसी अगस्त महीने में वर्तमान राष्ट्रपति हसन रूहानी की जगह लेंगे।न्यायपालिका प्रमुख रईसी को सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खमेनी का समर्थन प्राप्त था। वह निवर्तमान राष्ट्रपति हसन रूहानी की जगह लेंगे। रूढ़िवादी नेता माने जाने वाले रईसी जनमत सर्वेक्षणों में भी आगे थे।
सेंट्रल बैंक के पूर्व प्रमुख अब्दोलनासर हेम्मती ने परिणामों की आधिकारिक घोषणा से पहले ही रायसी को बधाई दे दी है।गृह मंत्रालय ने बताया कि 13वें राष्ट्रपति चुनाव में 90 फीसदी वोटों की गिनती हो चुकी है। शुरुआती गिनती से पता चलता है कि 17 करोड़ 80 लाख से अधिक लोगों ने रईसी को वोट दिया था। रईसी ने भ्रष्टाचार और गरीबी से लड़ने का वादा किया है।
उन्होंने संकेत दिया है कि वह 2015 के परमाणु समझौते को बहाल करने पर अमेरिका के साथ अप्रत्यक्ष बातचीत जारी रखेंगे, हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया है वह ईरान के खिलाफ प्रतिबंधों को हटाने का आह्वान करेंगे। रूहानी प्रशासन द्वारा किए गए समझौते का ईरान की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ था लेकिन 2018 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने समझौते से हाथ खींचने के साथ ही प्रतिबंध लगा दिये, जिससे ईरान में महंगाई में इजाफा हुआ, मुद्रा की कीमत गिरी और बेरोजगारी भी बहुत बढ़ गयी।
इस बीच, निवर्तमान राष्ट्रपति रूहानी ने निर्वाचित राष्ट्रपति की सफलता की कामना की है। उन्होंने शुक्रवार के राष्ट्रपति चुनाव में ईरानी मतदाताओं के बड़ पैमाने पर भागीदारी के लिए उनकी प्रशंसा करते हुए कहा कि मतदान ने दुश्मनों और बुरा चाहने वालों को निराश किया है।