आईएमएफ (अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष) के संचार विभाग के निदेशक ‘गैरी राइस’ ने जलवायु परिवर्तन में दिए भारत की घोष्णा को सराहा है। उन्होंने कहा, हम 2070 तक निवल शून्य लक्ष्य के अनुकूल ढलने समेत नवीकरणीय ऊर्जा पर निर्भरता बढ़ाने और अपनी अर्थव्यवस्था पर कार्बन की महत्ता को कम करने के नए लक्ष्यों को लेकर सीओपी26 में की गई भारत की घोषणा का स्वागत करते हैं। जलवायु परिवर्तन सम्मेलन स्कॉटलैंड के ग्लासगो में आयोजित किया गया था।
भारत द्वारा उठाए गए कदम दूसरें देशों को भी प्रेरित कर सकते हैं
‘गैरी राइस’ ने कहा, जैसा कि आप जानते हैं कि भारत इस समय दुनिया के सबसे बड़े उत्सर्जकों में से एक है। वह विद्युत उत्पादन के लिए अब भी कोयले पर अत्यधिक निर्भर है, इसलिए उसके द्वारा उठाए गए कदम अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं को भी कदम उठाने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, नवीकरणीय और जलवायु परिवर्तन से निपटने के अनुकूल नीतियों में भारत का उल्लेखनीय निवेश संकेत देता है कि वह अपने नए लक्ष्य तक पहुंचने के लिए आगे की ओर कदम उठाने को पूरी तरह तैयार है। हम वैश्विक स्तर पर न्यूनीकरण के कदमों की तत्काल आवश्यकता के मद्देनजर मौजूदा दशक में भारत के उठाए कदमों की प्रशंसा करते हैं।
भारत वर्ष 2070 में कुल शून्य उत्सर्जन का लक्ष्य प्राप्त करेगा : पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26वें जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन में घोषणा करते हुए कहा था कि, भारत वर्ष 2070 में कुल शून्य उत्सर्जन का लक्ष्य प्राप्त करेगा। मोदी ने राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) के तहत गैर जीवाश्म ईंधन ऊर्जा क्षमता को 450 गीगा वाट से बढ़ाकर 500 गीगावाट करने की घोषणा की। उन्होंने कहा था, भारत 500 गीगावाट गैर जीवाश्म ईंधन क्षमता तथा अपनी ऊर्जा जरूरतों का 50 प्रतिशत 2030 नवीकरणीय ऊर्जा से प्राप्त करेगा तथा2030 के बीच अनुमानित कार्बन उत्सर्जन में एक अरब टन की कटौती और कार्बन की गहनता में 45 प्रतिशत तक कटौती करेगा। पीएम ने कहा, भारत 2070 तक शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करेगा।