पाकिस्तान इन दिनों बुरे दौर से गुजर रहा है हालात इतने बुरे हो चुके है कि उनके पास खाने की चीजों को लेकर मारामारी हो रही है। बीते दिनों सभी ने देखा की आतंकवादी को पनाह देने वाले पाकिस्तान में आटे को लेकर गोलियां तक चल गई। इस बीच पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने कहा है कि उनका पाकिस्तान के नए सेना अध्यक्ष से कोई संबंध नहीं है।
उन्होंने कहा कि शहबाज़ शरीफ़ की सरकार इसी साल अप्रैल में आम चुनाव कराने के लिए मजबूर हो जाएगी। इमरान ख़ान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ़ ने कुछ दिनों पहले पंजाब और अब ख़ैबर पख़्तूनख़्वाह विधानसभा को भंग कर दिया है। इमरान ख़ान ने पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति को सुधारने और देश की हालत ठीक करने के लिए शहबाज़ शरीफ़ सरकार से बातचीत करने के लिए भी बात की।
शहबाज़ शरीफ़ सरकार ऑक्शन के ज़रिए आई है
लेकिन एसा होना मुश्किल है कि इमराम शहबाज से बातचीत करें। क्योंकी इमरान ख़ान का कहना है कि आज तक कौन सा ऐसा नेता आया है जो अपनी ही सरकार को गिरा देता है जो कि 70 फ़ीसद पाकिस्तान है। यह सरकार शहबाज़ शरीफ़ सरकार ऑक्शन के ज़रिए आई है इलेक्शन के ज़रिए नहीं। उन्होंने आरोप लगाया कि "शहबाज़ शरीफ़ की सरकार सांसदों की ख़रीद-फ़रोख़्त से आई है। जिसने 20-25 करोड़ रुपए देकर लोगों को ख़रीदा है। जनरल बाजवा ने उनकी मदद की, उन्हें हमारे ऊपर बिठाने के लिए। इमरान की तरफ से की गई इन बातों से साफ है कि वो शहबाज से बातचीत नहीं करना चाहते।