भारत और मालदीव ने दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने के लिए वीजा सुविधा समझौते के कार्यान्वयन के लिए मंगलवार को राजनयिक संवाद (डिप्लोमैटिक नोट्स) का आदान-प्रदान किया।
मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम सोलीह की पिछले साल दिसंबर में भारत यात्रा के दौरान समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। उनकी यात्रा को उनकी सरकार द्वारा भारत के साथ संबंधों को सुधारने के प्रयास के रूप में देखा गया था। दोनों देशों के संबंधों में अब्दुल्ला यामीन के राष्ट्रपति रहने के दौरान खिंचाव आ गया था। यामीन को चीन का करीबी माना जाता था।
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यामीन के शासन के दौरान कई राजनयिक मुद्दे उभरे थे, जिनमें कई भारतीयों को वीजा देने से इनकार करना शामिल था। केंद्रीय मंत्रिमंडल की ओर से समझौते को मंजूरी के बाद राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षर के बाद राजनयिक संवाद का आदान-प्रदान होता है।
यह समझौता, सभी आव्रजन कार्यालयों, सीमा बिंदुओं और सीमा शुल्क अधिकारियों को सूचना उपलब्ध कराने समेत सभी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद 11 मार्च, 2019 से प्रभावी होगा।
यह समझौता मालदीव के नागरिकों को पर्यटन, व्यवसाय, शिक्षा और चिकित्सा उद्देश्यों के लिए भारत आने के लिए एक उदार वीजा व्यवस्था प्रदान करेगा। यह भारतीयों के लिए व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए मालदीव की यात्रा करना भी आसान बनाएगा।