भारत ने सुरक्षा परिषद से सशस्त्र संघर्षों के दौरान यौन हिंसा में लिप्त आतंकवादियों के खिलाफ प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया है। उसने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस द्वारा इस तरह की क्रूरता में वृद्धि होने की बात कहने पर यह मांग की है। भारतीय मिशन की प्रथम सचिव पॉलोमी त्रिपाठी ने गुरुवार को परिषद को बताया, ‘यौन हिंसा, अपहरण और मानव तस्करी आतंकवादी संगठनों द्वारा सशस्त्र संघर्ष में युद्ध के हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।’
शांति और सुरक्षा तथा महिलाओं पर चर्चा में भाग लेने के दौरान उन्होंने कहा, ‘सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समितियों को सशस्त्र संघर्षो में यौन और लिंग आधारित हिंसा में शामिल आतंकवादियों और संस्थाओं को सक्रिय रूप से सूचीबद्ध करने के मुद्दे से निपटने की आवश्यकता है।’
उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में पीड़ित महिलाओं और लड़कियों को न्याय दिलाने के लिए अंतर-सीमा अपराधों में शामिल अपराधियों को सजा दिलाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की जरूरत है। इससे पहले, गुटेरेस ने परिषद को बताया कि संयुक्त राष्ट्र ने 2017 में संघर्ष से संबंधित यौन हिंसा के 800 से अधिक मामलों को दर्ज किया, जिसमें 2016 से 56 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली।