भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बैठक में इजरायल के यरुशलम व अन्य स्थानों पर हुई हिंसा पर चिंता जाहिर की। यूएनएससी की बैठक में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि आर रवींद्र ने कहा कि सभी धर्मस्थलों का सम्मान किया जाना चाहिए और वहां यथास्थिति कायम रखी जाना चाहिए।
आर रवींद्र ने कहा कि रमजान के पवित्र महीने के दौरान यरूशलेम के पवित्र स्थानों पर हुई घटनाओं की श्रृंखला से हम बहुत चिंतित हैं। यरुशलम के पवित्र स्थानों की ऐतिहासिक यथास्थिति का सम्मान और समर्थन किया जाना चाहिए। हम इजरायल और वेस्ट बैंक में हुई हिंसा की घटनाओं के बारे में भी गंभीर रूप से चिंतित हैं, गाजा पर रॉकेट हमला और इजरायल द्वारा जवाबी हमले स्थिति की नाजुकता को प्रदर्शित करता है।
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उन्होंने कहा कि हम इजरायल और वेस्ट बैंक में आतंक के कृत्यों और हिंसा की घटनाओं के बारे में भी गंभीर रूप से चिंतित हैं … गाजा से हालिया रॉकेट हमला और इजरायल द्वारा जवाबी हमले स्थिति की नाजुकता और संभावित वृद्धि को प्रदर्शित करता है। हम शांति बहाल करने के सभी स्टेप का समर्थन करते हैं।
आर रवींद्र ने कहा कि मैं इजरायल के साथ शांति से सुरक्षित और मान्यता प्राप्त सीमाओं के भीतर रहने वाले एक संप्रभु, स्वतंत्र और व्यवहार्य फिलिस्तीन राज्य की स्थापना के लिए भारत की अटूट प्रतिबद्धता की पुष्टि करता हूं। बातचीत के जरिए दो राज्यों के बीच समाधान का कोई अन्य विकल्प नहीं है।
गौरतलब है कि हाल ही में यरुशलम स्थित अल-अक्सा मस्जिद में पुलिसकर्मियों और फलस्तीनी युवकों के बीच झड़पें हुई थीं। यह स्थान यहूदियों और मुसलमानों, दोनों के लिए एक पवित्र स्थल है। इजराइल के विदेश मंत्री येर लापिद ने हमास पर रमजान के पाक महीने के दौरान अल-अक्सा मस्जिद पर होने वाली गतिविधियों पर ”नियंत्रण” करने और फलस्तीनी युवाओं को इजराइली पुलिस पर पथराव के लिए उकसाने का आरोप लगाया था।