प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र में आतंकवाद के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करते हुए कहा कि भारत ने दुनिया को ‘युद्ध’ का संदेश नहीं, बल्कि शांति का संदेश ‘बुद्ध’ दिया है। इसलिए जब हम आतंकवाद के विरुद्ध दुनिया को आगाह करते हैं तो हमारी आवाज में न केवल गंभीरता होती है, बल्कि आक्रोश भी होता है।
प्रधानमंत्री ने आक्रोश का संदर्भ अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान समर्थित तत्वों द्वारा भारत में आतंकवादी घटनाओं को लेकर दिया। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि ‘आतंकवाद के मुद्दे पर विभाजित दुनिया’ उन सिद्धांतों को नुकसान पहुंचाती है, जिसपर संयुक्त राष्ट्र का निर्माण हुआ था।
उन्होंने विश्व को मानवता के लिए आतंकवाद के विरुद्ध एकजुट होने का आह्वान किया। मोदी ने कहा, “भारत ने दुनिया को युद्ध नहीं बल्कि बुद्ध दिया है..शांति का संदेश। इसलिए जब हम आतंकवाद के विरुद्ध अपनी आवाज उठाते हैं तो उसमें गंभीरता होती है और आक्रोश भी होता है।” उन्होंने कहा, “हम मानते हैं कि आतंकवाद केवल एक देश के लिए चुनौती नहीं है, बल्कि पूरे विश्व के लिए चुनौती है..यह मानवता के लिए सबसे बड़ी चुनौती है।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “आतंकवाद के मुद्दे पर विश्व का विभाजित होना उन सिद्धांतों को हानि पहुंचाना है जिसपर संयुक्त राष्ट्र का निर्माण हुआ था। मानवता के लिए, विश्व को निश्चित ही आतंकवाद के विरुद्ध एकजुट होना चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया को अलग-अलग दृष्टि से आतंक को नहीं देखना चाहिए।
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इस दौरान मोदी ने कहा कि भारत की विकास गाथा पूरी दुनिया के गरीबों में विश्वास पैदा करने और दुनिया को एक नई आशा देने का काम करती है। उन्होंने कहा, “विकास के प्रयास हमारे हैं, लेकिन इसका फल सभी के लिए है, संपूर्ण विश्व के लिए है।” मोदी ने कहा, “हमारा प्रयास सारे संसार के लिए है। जब मैं उन देशों के बारे में सोचता हूं कि जो भारत की तरह ही प्रयास कर रहे हैं, तो हमारा विश्वास और दृढ़ हो जाता है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस वर्ष पूरा विश्व महत्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहा है, सत्य और अहिंसा का उनका संदेश आज भी विश्व के लिए प्रासंगिक है। उन्होंने कहा, “इस वर्ष दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव हुआ, दुनिया के सबसे लोकतंत्र के लोगों ने सबसे ज्यादा वोट देकर मुझे और मेरी सरकार को पहले से ज्यादा बड़ा जनादेश दिया।”
मोदी ने कहा, “दुनिया का सबसे बड़ा स्वच्छता अभियान भारत में संपन्न हुआ। एक विकासशील देश ने सिर्फ 5 वर्ष में 10 करोड़ से ज्यादा शौचालय तैयार कर अपने लोगों को दिया। अगले 5 साल में हम जल संरक्षण को बढ़ावा देने के साथ ही 15 करोड़ घरों को पानी की सप्लाई से जोड़ने वाले हैं। भारत के दूर-दराज के इलाकों में सवा लाख किलोमीटर सड़कें हम बनाने जा रहे हैं।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “संयुक्त राष्ट्र महासभा के 14वें सत्र को 130 करोड़ भारतीयों की तरफ से संबोधित करना, मेरे लिए गौरव का अवसर है। आज जब मैं आपको संबोधित कर रहा हूं तो इस वक्त हम अपने देश को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त कराने का बड़ा अभियान चला रहे हैं। साल 2020 तक हम गरीबों के लिए 2 करोड़ और घरों का इंतजाम कर लेंगे। हम 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने के लिए काम कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “भारत हजारों वर्ष पुरानी महान संस्कृति है, जिसकी अपनी जीवंत परंपराएं हैं, जो वैश्विक सपनों को अपने में समेटे हुए है। जनभागीदारी से जनकल्याण हमारा प्राण तत्व है।” उनके संबोधन से पहले संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने ट्विटर पर प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर साझा की और लिखा, ‘वल्र्ड स्टेज के बैकस्टेज पर।’
मोदी का भाषण सुनने के लिए काफी संख्या में भारतीय भी संयुक्त राष्ट्र महासभा पहुंचे। संयुक्त राष्ट्र महासभा के बाहर भारतीय काफी संख्या में मौजूद रहे और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगा रहे थे।