पाकिस्तान की जेल में कथित जासूसी के मामले में बंद भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कूलभूषण जाधव से उनकी मां और पत्नी मिलना चाहती हैं। इसको लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय करीब सप्ताह भर पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय को पत्र लिखा था।
भारत इस संबंध में पाकिस्तान के पत्र का इंतजार कर रहा है। अभी तक इस्लामाबाद ने इस मामले में कोई जवाब नहीं दिया है, लेकिन सूत्र बताते हैं कि पाकिस्तान को कुलभूषण जाधव की मां, पत्नी से मिलने की इजाजत देनी ही होगी।
लेकिन इस पेशकश पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि एक तो उनकी मां को पाक जाने की अनुमति देने का प्रस्ताव लंबित है और दूसरे पाकिस्तान उनकी मां-पत्नी की सुरक्षा सुनिश्चित करे, तभी उन्हें भेजा जा सकता है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि कुलभूषण जाधव की मां का पाकिस्तान जाकर अपने बेटे से मिलने का अनुरोध काफी समय से लंबित है। यह अभी लंबित ही है, फिर भी उनकी पत्नी को भेजने के पाकिस्तान के पेशकश पर हमने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। हमने पाकिस्तान सरकार को बता दिया है कि कुलभूषण जाधव की पत्नी अपनी सास के साथ पाकिस्तान जाना चाहती हैं। लेकिन हम पाकिस्तान सरकार से दोनों की सुरक्षा की गारंटी चाहते हैं। साथ ही यह गारंटी भी चाहते हैं कि दोनों के पाकिस्तान में ठहरने के दौरान उनसे किसी तरह का सवाल नहीं किया जाएगा और उन्हें प्रताड़ित नहीं किया जाएगा।
आपको बता दे कि पाकिस्तान का दावा है कि भारतीय नौसेना का कमांडर जाधव भारत की प्रमुख खुफिया एजेंसी, रिसर्च एंड एनलिसिस विंग(रॉ) के लिए काम कर रहा था। इस्लामाबाद का कहना है कि तीन मार्च, 2016 को बलूचिस्तान में कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने उसे अवैध रूप से पाकिस्तान में पकड़ लिया था। भारत ने कहा है कि जाधव एक पूर्व नौसेना अधिकारी हैं और वह रॉ के लिए काम नहीं कर रहे थे।
पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जाधव को जासूसी के आरोपों में फांसी की सजा सुनाई है। हालांकि अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने अपने आदेश में इस पर रोक लगा दी है। नई दिल्ली ने जाधव को वकील मुहैया कराने की मांग पर जोर दिया है। लेकिन इस्लामाबाद ने इस आधार पर अनुमति देने से इनकार कर दिया है कि जासूसों से संबंधित मामलों में इस तरह की मदद लागू नहीं है।