भारत ने इस्लामी चरमपंथ पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के कड़े रुख के बाद उन पर व्यक्तिगत हमलों की कड़ी निंदा करते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय विमर्श के सबसे बुनियादी मानकों का उल्लंघन बताया है।
विदेश मंत्रालय ने कड़े शब्दों में जारी एक बयान में बर्बर आतंकवादी हमले की भी निंदा की, जिसमें फ्रांस के एक शिक्षक की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी।
मंत्रालय ने कहा कि आतंकवाद को किसी भी वजह से और किसी भी परिस्थिति में सही नहीं ठहराया जा सकता।
बयान में कहा गया है, ”हम राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों पर अस्वीकार्य भाषा में किए गए व्यक्तिगत हमलों की कड़ी निंदा करते हैं। यह अंतरराष्ट्रीय विमर्श के सबसे बुनियादी मानकों का उल्लंघन है। ”
मंत्रालय ने बयान में कहा, ”हम बर्बर आतंकवादी हमले में फ्रांस के एक शिक्षक की निर्ममता से हत्या किये जाने की भी निंदा करते हैं, जिसने पूरे विश्व को स्तब्ध कर दिया। हम उनके परिवार और फ्रांस के लोगों के प्रति संवेदना प्रकट करते हैं। ”
विदेश मंत्रालय के बयान के बाद भारत में फ्रांस के राजदूत एमेनुअल लिनेन ने ट्वीट कर भारत का आभार जताया और कहा कि दोनों देश आतंकवाद के खिलाफ जंग में एक-दूसरे का सहयोग कर सकते हैं।
मैक्रों इस्लामी चरमपंथ पर कड़े रुख और पैगंबर मोहम्मद के कार्टूनों का बचाव करने को लेकर विभिन्न मुस्लिम बहुल देशों की आलोचना का सामना कर रहे हैं।
गौरतलब है कि 16 अक्टूबर को पेरिस में एक फ्रांसीसी शिक्षक की दिनदहाड़े सिर कलम कर हत्या कर दी गई थी, जो अपने छात्रों को पैगंबर मोहम्मद का कार्टून दिखा रहे थे।