भारत और अमेरिका उनके बीच उभरे इस्पात आयात शुल्क विवाद को आपस में सौहार्दपूर्ण बातचीत से सुलझाने पर सहमत हुये हैं। अमेरिका द्वारा भारतीय इस्पात उत्पादों पर लगाए गए आयात शुल्क मामले में विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने भी अमेरिका के खिलाफ फैसला सुनाया है। हालांकि, अमेरिका ने इस पर अभी अमल नहीं किया।
डब्ल्यूटीओ की विवाद निपटान इकाई ने अपने फैसले में कहा है कि अमेरिका द्वारा भारत से आयातित ‘हॉट रोल्ड कार्बन स्टील’ की चादरों पर लगाया गया ऊंचा आयात शुल्क उसके सब्सिडी और प्रतिपूर्ति उपायों पर समझौते के विभिन्न प्रावधानों का उल्लंघन करता है।
अमेरिका ने आपसी सहमति से सौहादपूर्ण तरीके से इस विवाद को सुलझाने पर सहमति जतायी है, क्योंकि डब्ल्यूटीओ की विवाद निपटान अपीलीय इकाई ने पिछले महीने ही काम करना बंद कर दिया है। अमेरिका इस संबंध में डब्ल्यूटीओ के छह साल पुराने आदेश को पूरी तरह लागू करने में विफल रहा है।
भारतीय इस्पात पर ऊंचा शुल्क लगाने के मामले में भारत ने 2012 में अमेरिका के खिलाफ डब्ल्यूटीओ में शिकायत दर्ज करायी थी। दिसंबर 2014 में डब्ल्यूटीओ की विवाद निपटान इकाई ने इस मामले में अमेरिका के खिलाफ आदेश दिया था। बाद में डब्ल्यूटीओ की अपीलीय इकाई ने भी अमेरिका के खिलाफ फैसला सुनाया था। जून 2017 में भारत फिर डब्ल्यूटीओ में गया और शिकायत की कि अमेरिका ने उसके आदेश का पूरी तरही पालन नहीं किया है।