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श्रीलंका को तत्काल 65 हजार टन यूरिया की आपूर्ति करेगा भारत, धान की खेती में होगा इस्तेमाल

आर्थिक एवं राजनीतिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका को भारत ने 65 हजार टन यूरिया की तत्काल आपूर्ति का भरोसा दिलाया है।

आर्थिक एवं राजनीतिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका को भारत ने 65 हजार टन यूरिया की तत्काल आपूर्ति का भरोसा दिलाया है जिसका इस्तेमाल धान की खेती में किया जाएगा। स्थानीय मीडिया में शनिवार को प्रकाशित खबरों के मुताबिक, नई दिल्ली स्थित श्रीलंकाई उच्चायुक्त मिलिंदा मोरागोडा ने गत गुरुवार को उर्वरक सचिव राजेश कुमार चतुर्वेदी के साथ मुलाकात में उर्वरक का मुद्दा उठाया। इस दौरान चतुर्वेदी ने उन्हें भरोसा दिलाया कि भारत जल्द ही श्रीलंका को 65 हजार टन यूरिया की आपूर्ति करेगा।
यह फैसला पड़ोसी पहल की भारतीय नीति के अनुरूप है : उर्वरक सचिव
श्रीलंका के उच्चायोग ने एक संदेश में इस मदद के लिए भारत को धन्यवाद देते हुए कहा कि, फसलों के चालू ‘याला’ सत्र के लिए यूरिया की आपूर्ति करने का फैसला भारत ने यूरिया आपूर्ति पर लगाई पाबंदी के बावजूद लिया है। इसके पीछे श्रीलंका को धान की खेती वाले याला सत्र में तत्काल मदद पहुंचाने का उद्देश्य है। इस कदम के लिए श्रीलंकाई उच्चायुक्त ने चतुर्वेदी के प्रति आभार जताया तो उर्वरक सचिव ने कहा कि, यह फैसला ‘पड़ोसी पहल’ की भारतीय नीति के अनुरूप है। चतुर्वेदी ने कहा कि, यूरिया की इस खेप को जल्द-से-जल्द श्रीलंका पहुंचाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।

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जनवरी से अब तक करीब तीन अरब डॉलर का कर्ज सहित कई सहायता दे चुका है भारत
बता दें कि, इस बैठक में दोनों ही अधिकारियों ने भारत की तरफ से श्रीलंका को दी गई ऋण-सुविधा के तहत रासायनिक उर्वरकों की निर्बाध आपूर्ति बनाए रखने के तौर-तरीकों पर चर्चा की। श्रीलंका में संकट गहराते जाने के साथ ही भारत गत जनवरी से अब तक करीब तीन अरब डॉलर का कर्ज, ऋण-सुविधा एवं ऋण अदला-बदली सुविधा दे चुका है। श्रीलंका की सरकार ने ऑर्गेनिक खेती की तरफ कदम बढ़ाने के लिए पिछले साल रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल प्रतिबंधित कर दिया था। इसकी वजह से चावल एवं चाय जैसी कृषि उपज पर गहरा असर पड़ा था।

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