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भारतीय मूल के जज ने रचा इतिहास, बने कनाडा के सुप्रीम कोर्ट के लिए मनोनीत होने वाले पहले गैर-श्वेत

भारतीय मूल के न्यायमूर्ति महमूद जमाल कनाडा के सर्वोच्च न्यायालय के लिए नामित होने वाले पहले गैर-श्वेत व्यक्ति बन गए हैं।

दुनियाभर में भारतीयों ने अपनी काबिलियत के दम पर पहचान बनायीं है। नामी गिरामी विदेशी कंपनियों के उच्च पदों पर भारतीय लोगों नियुक्तियां पाकर देश का सम्मान बढ़ाया है। यही नहीं भारतीय मूल के लोगों ने विदेशी सरकारों में मातृ पद भी हासिल किये है। अब भारतीय मूल के न्यायमूर्ति महमूद जमाल कनाडा के सर्वोच्च न्यायालय के लिए नामित होने वाले पहले गैर-श्वेत व्यक्ति बन गए हैं। 
उन्हें ओंटारियो के अपीलीय न्यायालय से पदोन्नत किया गया है जहां उन्होंने 2019 से सेवा की है। जस्टिस जमाल का जन्म 1967 में नैरोबी में हुआ था जहां उनका परिवार एक पीढ़ी पहले भारत से पलायन कर गया था। परिवार बाद में 1969 में यूके चला गया। वह 1981 में अपने परिवार के साथ कनाडा आए और कानून की पढ़ाई करने के लिए मैकगिल विश्वविद्यालय और फिर येल विश्वविद्यालय जाने से पहले अपनी डिग्री के लिए टोरंटो विश्वविद्यालय में अध्ययन किया। 
प्रधानमंत्री ट्रूडो ने न्यायमूर्ति जमाल को कनाडा के सर्वोच्च न्यायालय में नामित करने की घोषणा करते हुए खुशी व्यक्त की है। दुनिया भर में सम्मानित, कनाडा का सर्वोच्च न्यायालय अपनी ताकत, स्वतंत्रता और न्यायिक उत्कृष्टता के लिए जाना जाता है। “जस्टिस जमाल, अपने असाधारण कानूनी और शैक्षणिक अनुभव और दूसरों की सेवा करने के लिए समर्पण के साथ, हमारे देश की सर्वोच्च अदालत के लिए एक मूल्यवान संपत्ति होगें।”
अच्छी अंग्रेजी और फ्रेंच बोलने वाले जस्टिस जमाल दीवानी, संवैधानिक, आपराधिक और नियामक मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट के समक्ष 35 अपीलों में पेश हुए हैं। जस्टिस जमाल की शादी गोलेटा से हुई है जो ईरान में 1979 की क्रांति के बाद अपने बहाई धर्म के उत्पीड़न से बचने के लिए किशोरी शरणार्थी के रूप में कनाडा भाग गई थी।  उन्होंने शादी के बाद बहाई धर्म में धर्मांतरण किया। 

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