भारत द्वारा अफगानिस्तान भेजी जाने वाली गेहूं की शिपमेंट पाकिस्तान के रास्ते फरवरी की शुरुआत में शुरू होने की उम्मीद है, क्योंकि दोनों पक्ष महीनों की चर्चा के बाद इसके तौर-तरीकों पर सहमत हुए हैं। शनिवार को एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि यह दुर्लभ होगा कि जब भारत पाकिस्तान के भूमि मार्ग का उपयोग करके अफगानिस्तान तक माल पहुंचाएगा, अन्यथा इस्लामाबाद कभी भी नई दिल्ली और काबुल के बीच दोतरफा व्यापार की अनुमति नहीं देगा।
भारत ने पाकिस्तानी की मांग को किया था खारिज
रिपोर्ट के अनुसार अफगानिस्तान में खतरनाक मानवीय स्थिति के कारण एक अपवाद स्वरूप पाकिस्तान ने भारत को वाघा सीमा के माध्यम से 50,000 मीट्रिक टन गेहूं के परिवहन की अनुमति दी है। तौर-तरीकों पर सहमत होने में दोनों पक्षों को कई हफ्तों की चर्चा हुई। प्रारंभ में पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र के बैनर तले अपने ट्रकों में मानवीय सहायता के सामानों को काबुल तक पहुंचाना चाहता था लेकिन भारत ने एक जवाबी प्रस्ताव रखा और मांग उठाई कि खाद्यान्न अफगानिस्तान को भारतीय या अफगान ट्रकों में भेजा जाए। मीडिया रिपोर्ट में आगे कहा कि दोनों पक्ष तब सहमत हुए कि गेहूं अफगान ट्रकों द्वारा ले जाया जाएगा और अफगान ठेकेदारों की एक सूची पाकिस्तान के साथ साझा की गई थी।
पहली खेप की तारीख का इंतजार है : पाकिस्तानी प्रवक्ता
पाकिस्तान विदेश कार्यालय के प्रवक्ता असीम इफ्तिखार ने शुक्रवार को एक साप्ताहिक समाचार ब्रीफिंग में बताया कि अब सभी व्यवस्थाएं कर ली गई हैं और इस्लामाबाद पहली खेप की तारीख का इंतजार कर रहा है। राजनयिक सूत्रों ने मीडिया को बताया कि शिपमेंट फरवरी की शुरूआत में शुरू होगा। तौर-तरीकों के अनुसार भारत को पहली खेप के 30 दिनों के भीतर गेहूं की कुल मात्रा का परिवहन करना होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों देशों ने अपने तनावपूर्ण संबंधों के बावजूद अफगानिस्तान पर सहयोग करने का फैसला किया है।