संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) पर भारत को उस वक्त कूटनीतिक सफलता हासिल हुई जब यह निर्णय लिया गया कि सीएए पर यूरोपीय संसद के प्रस्ताव पर गुरुवार को मतदान नहीं होगा। सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी।
यूरोपीय संसद के छह राजनीतिक दलों के सदस्यों ने भारत के सीएए के खिलाफ एक संयुक्त प्रस्ताव पेश किया और इसे भेदभाव करने वाला करार दिया।
सूत्रों ने कहा कि बुधवार को फ्रेंड्स ऑफ पाकिस्तान पर फ्रेंड्स ऑफ इंडिया हावी रहे।
एक सूत्र ने कहा,‘‘ ब्रेक्जिट से ठीक पहले भारत के खिलाफ यूरोपीय संसद में प्रस्ताव पारित कराने के निवर्तमान ब्रिटिश एमईपी शफ्फाक मोहम्मद के प्रयास असफल रहे।’’
सरकार कहती आ रही है कि सीएए भारत का आंतरिक मामला है और इसे समुचित प्रक्रिया का पालन कर अपनाया गया है।
सूत्रों ने कहा कि हमें उम्मीद है कि सीएए पर हमारे नजरिये को यूरोपीय संघ के सांसदों द्वारा निष्पक्ष और खुले मन से समझा जाएगा।