इंडोनेशिया के दक्षिण सुलावेसी प्रांत में मकासर जलडमरूमध्य में एक जहाज के पलट जाने के बाद 25 लोग लापता हो गए हैं, जिनके लिए तलाशी अभियान जारी है। जहाज में कुल 42 लोग सवार थे। अधिकारी ने मीडिया को बताया कि 26 मई को मकासर जलडमरूमध्य में जहाज दोपहर एक बजे पलट गया था। लेकिन घटना की सूचना शनिवार को प्रांतीय खोज एवं बचाव कार्यालय को दी गई।
जारी है तलाशी अभियान
जारी है तलाशी अभियान
अधिकारी ने बताया कि, घटना की सूचना मिलने के बाद, हमने खोज और बचाव अभियान के लिए तुरंत अपने कर्मियों और उपकरणों को घटनास्थल पर तैनात कर दिया। उन्होंने कहा, एक छोटे से द्वीप के पास करीब 45 बचाव दल और एक जहाज पहले ही मौके पर पहुंच चुका है। तलाशी में शामिल होने के लिए एक विमान या हेलिकॉप्टर भी भेजा जाएगा।

अब तक 17 लोगों को बचा लिया जा चुका है
अब तक जहाज में सवार 17 लोगों को बचा लिया गया है। अधिकारी के अनुसार प्रांत की राजधानी मकासर में पोतेरे हार्बर से प्रस्थान करने के बाद जलडमरूमध्य में भारी लहरों की चपेट में आने से जहाज का इंजन फेल हो गया था। जहाज पंगकाजेन जिले के एक बंदरगाह की ओर जा रहा था। बता दें कि, 17 हजार से अधिक द्वीपों के द्वीपसमूह इंडोनेशिया में नौका त्रासदी आम हैं, जहां अक्सर परिवहन के रूप में नौकाओं का उपयोग किया जाता है और इस दौरान सुरक्षा नियमों की अनदेखी भी की जाती है।
वर्ष 2018 में मारे गए थे 167 लोग
इससे पहले उत्तरी सुमात्रा प्रांत में 2018 में ज्वालामुखी से बने एक गहरे गड्ढे वाली झील में एक नौका डूब जाने से 167 लोग मारे गए। नौका में लगभग 200 लोग सवार थे। फरवरी 1999 में एक यात्री जहाज डूब गया था, जिसमें 332 लोग सवार थे। घटना में केवल 20 लोग जीवित बचे थे। इस घटना को देश की सबसे त्रासद घटनाओं में से एक माना जाता है।
अब तक जहाज में सवार 17 लोगों को बचा लिया गया है। अधिकारी के अनुसार प्रांत की राजधानी मकासर में पोतेरे हार्बर से प्रस्थान करने के बाद जलडमरूमध्य में भारी लहरों की चपेट में आने से जहाज का इंजन फेल हो गया था। जहाज पंगकाजेन जिले के एक बंदरगाह की ओर जा रहा था। बता दें कि, 17 हजार से अधिक द्वीपों के द्वीपसमूह इंडोनेशिया में नौका त्रासदी आम हैं, जहां अक्सर परिवहन के रूप में नौकाओं का उपयोग किया जाता है और इस दौरान सुरक्षा नियमों की अनदेखी भी की जाती है।
वर्ष 2018 में मारे गए थे 167 लोग
इससे पहले उत्तरी सुमात्रा प्रांत में 2018 में ज्वालामुखी से बने एक गहरे गड्ढे वाली झील में एक नौका डूब जाने से 167 लोग मारे गए। नौका में लगभग 200 लोग सवार थे। फरवरी 1999 में एक यात्री जहाज डूब गया था, जिसमें 332 लोग सवार थे। घटना में केवल 20 लोग जीवित बचे थे। इस घटना को देश की सबसे त्रासद घटनाओं में से एक माना जाता है।
