इज़राइल की खुफिया एजेंसी ‘मोसाद’ के लिए काम करने के आरोप में चार लोगों को ईरान में रविवार को फांसी दी गई। वहीं, तीन अन्य को लंबी कैद की सजा सुनाई गई है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ईरान की रेवलूशनरी गार्ड (सशस्त्र बल) ने इज़राइली एजेंसी से जुड़े लोगों के एक नेटवर्क को पकड़ने की जानकारी दी थी। उसने कहा कि इन लोगों का आपराधिक रिकॉर्ड है और उन्होंने देश की सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है। खबर में कहा गया है कि ये लोग निजी और सरकारी संपत्ति चुराते थे तथा व्यक्तियों को अगवा कर उनसे पूछताछ करते थे। एजेंसी की खबर में कहा गया है कि इन कथित जासूसों के पास हथियार थे और उन्हें ‘क्रिप्टोकरेंसी’ के रूप में मोसाद से मेहनताना मिलता था। ईरान और इज़राइल एक दूसरे के कट्टर दुश्मन देश हैं।
ईरान कभी-कभी कुछ लोगों को हिरासत में लेने का बयान जारी करता है और दावा करता है कि वे अमेरिका और इज़राइल सहित अन्य देशों के लिए जासूसी कर रहे हैं। ईरान, इजराइल को मान्यता नहीं देता है और पूरे क्षेत्र में इजराइल विरोधी सशस्त्र समूहों जैसे हिज़्बुल्लाह और हमास का समर्थन करता है। इरना ने बताया कि जिन लोगों को फांसी दी गई है, उनके नाम हुसैन ओरदोखानज़ादा, शाहीन इमानी मोहमुदाबादी, मिलाद अशरफी और मनौचेहर शाहबंदी हैं। खबर के मुताबिक, नेटवर्क के अन्य तीन सदस्यों को पांच से 10 साल कैद की सज़ा सुनाई गई है, लेकिन उनकी पहचान नहीं बताई।