भारत में नियुक्त ईरानी राजदूत अली चेगेनी ने बुधवार को कहा कि ईरान अपने सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद अमेरिका के साथ बढ़े तनाव को घटाने में भारत की किसी भी शांति पहल का स्वागत करेगा। साथ ही उन्होंने जोर देते हुए कहा कि उनका देश शांति चाहता है, युद्ध नहीं।
ईरान के राजदूत ने यह आशा भी जताई कि उनके देश और अमेरिका के बीच आक्रामकत और अधिक नहीं बढ़ेगी।
इराक में अमेरिकी सेना और गठबंधन बलों के कम से कम दो ठिकानों को निशाना बना कर ईरान द्वारा एक दर्जन से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें दागे जाने के कुछ ही घंटों बाद राजदूत की यह टिप्पणी आई है।
तेहरान ने कहा है कि , ‘‘यह (मिसाइलें दागा जाना) अमेरिका के चेहरे पर एक तमाचा है।’’
ईरान के दूतावास में सुलेमानी के लिए आयोजित श्रद्धांजलि सभा के बाद चेगेनी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘दुनिया में शांति बनाए रखने में सामान्य तौर पर भारत बहुत अच्छी भूमिका निभाता है। साथ ही भारत इसी क्षेत्र में है। हम सभी देशों, खास तौर से अपने मित्र भारत की ओर से ऐसे किसी भी कदम का स्वागत करेंगे तो तनाव को बढ़ने ना दे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम युद्ध नहीं चाहते हैं, हम क्षेत्र में सभी लोगों के लिए शांति और समृद्धि चाहते हैं। हम भारत के किसी भी कदम और परियोजना का स्वागत करते हैं जो दुनिया में शांति और समृद्धि लाने में मददगार हो।’’
मेजर जनरल सुलेमानी (62) को शुक्रवार को बगदाद अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा से रवाना होने के दौरान उनके काफिले पर अमेरिकी ड्रोन विमानों ने हमला किया था जिसमें वह मारे गए थे। इस हमले में इराक के हशेद अल शाबी अर्द्धसैनिक बल के उप प्रमुख भी मारे गए थे।
इराक में अमेरिकी ठिकानों पर ईरान के हमले पर राजदूत ने कहा कि उनके देश ने बचाव करने के अधिकार के तहत यह जवाबी कार्रवाई की।
सुलेमानी की हत्या के बाद ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रविवार को ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ और अमेरिकी समकक्ष माइक पोम्पिओ से बातचीत कर बढ़ते तनाव पर भारत की चिंता जतायी।
इस बीच, सूत्रों ने कहा कि जरीफ के अगले हफ्ते ‘‘रायसीना संवाद ’’ में शामिल होने के लिए भारत की यात्रा करने की उम्मीद है।
सूत्रों ने बताया कि अपनी यात्रा के दौरान जरीफ जयशंकर के साथ वार्ता भी करेंगे।
भारत ने खाड़ी क्षेत्र में मौजूदा सुरक्षा स्थिति को लेकर क्षेत्र में कई हितधारकों से संपर्क किया है।
जयशंकर ने क्षेत्र में तनावपूर्ण स्थिति पर ओमानी विदेश मंत्री युसूफ अलावी, संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान, जार्डन एवं कतर के उनके समकक्षों–क्रमश: अयमान सफदी और मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी से भी अलग-अलग बात की।
चेगेनी ने भारत को एक अच्छा दोस्त बताते हुए इस बात का जिक्र किया, ‘‘मेरे मंत्री (जावद जरीफ) ने डॉ जयशंकर से बात की है, उनके बीच अच्छी चर्चा हुई। हमे भारत के साथ कोई समस्या नहीं है।’’
उन्होंने कहा कि ईरान और भारत संयुक्त रूप से दुनिया में शांति के लिए काम कर सकते हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या भारतीय अधिकारियों ने शोक संदेश के साथ दूतावास से संपर्क किया, ईरानी राजदूत ने कहा कि दूतावास ने दो दिनों के लिए एक शोक पुस्तिका रखी है और उन्हें आशा है कि भारतीय अधिकारी आएंगे लेकिन यह भारत पर निर्भर करता है।
उन्होंने कहा, ‘‘आमतौर पर हमारा अच्छा संबंध है और दोनों देशों के बीच सहानुभूति है।’’
यहां ईरानी दूतावास में कई दूतों ने पहुंच कर सुलेमानी के मारे जाने पर संवेदना प्रकट की।
गौरतलब है कि सुलेमानी के मारे जाने के बाद से अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बढ़ गया।
चेगेनी ने सुलेमानी को निशाना बनाने वाले ड्रोन हमले के बारे में बात करते हुए कहा, ‘‘वह एक तीसरे देश में थे। इसलिए दुनिया के लिए बहुत जरूरी है कि वह इस तरह के अमानवीय, अवैध कार्य की इजाजत नहीं दे जो कि अंतरराष्ट्रीय अधिकारों के खिलाफ हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वह (सुलेमानी) उन लोगों में शामिल थे जिन्होंने दुनिया से आईएसआईएस के खतरे को दूर किया है। आपको उनकी हत्या क्यों करनी थी। इसका मतलब है कि आप आतंकवादियों का समर्थन कर रहे हैं। यदि जनरल सुलेमानी ने आईएसआईएस के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती तो भारत, यूरोप और पूरी दुनिया के साथ क्या हुआ होता…।’’
राजदूत ने कहा कि दुनिया आतंकवाद रोधी नायक सुलेमानी का रिणी है।
उन्होंने कहा, ‘‘यही कारण है कि मेरे देश ने आज आधिकारिक रूप से जवाब दिया…हम युद्ध नहीं चाहते, तनाव नहीं चाहते, सिर्फ अपने अधिकारों की रक्षा कर रहे हैं।’’