लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

तालिबान की वापसी के बाद उभरा नया दुश्मन, क्या सरकार कम कर सकती है अफगान से IS का संभावित खतरा

अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे और सत्ता में काबिज होने के साथ ही एक नया दुश्मन उभर रहा है। आतंकवादी संगठन आईएस ने एक और हिंसक दौर शुरू करने की धमकी दी है।

अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे और सत्ता में काबिज होने के साथ ही एक नया दुश्मन उभर रहा है। आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने एक और हिंसक दौर शुरू करने की धमकी दी है जबकि इससे पहले अफगानिस्तान में तालिबान इसी भूमिका में था, लेकिन अब देश से अमेरिकी सैनिक और उससे संबंधित अफगान सरकार जा चुकी है और तालिबान सत्ता में है। तालिबान ने शांति वार्ता के दौरान अमेरिका से चरमपंथी समूह को नियंत्रण में रखने का वादा किया था। 
2020 के अमेरिका-तालिबान समझौते के तहत तालिबान ने अफगानिस्तान को अमेरिका या उसके सहयोगियों को धमकी देने वाले आतंकवादी समूहों के लिए पनाहगाह नहीं बनने देने की गारंटी दी थी। हालांकि, 15 अगस्त को अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से आईएस के हमलों में अचानक तेजी आने के बाद यह स्पष्ट नहीं है कि वे अपने इस वादे को निभा सकेंगे या नहीं। उत्तरी प्रांत कुंदुज में शुक्रवार को भीड़-भाड़ वाले एक शिया मस्जिद में हुए घातक बम विस्फोट में 46 लोगों की मौत हो गई। 
आईएस ने राजधानी काबुल और पूर्व और उत्तर प्रांतों में भी कई घातक हमले किए हैं, जबकि छोटे पैमाने पर हमलों में वे तालिबान लड़ाकों को लगभग रोजाना निशाना बनाते हैं। तालिबान और आईएस दोनों ही इस्लामिक कानून की कट्टर विचारधारा को मानते हैं लेकिन दोनों में महत्वपूर्ण वैचारिक अंतर है जिसके कारण दोनों एक दूसरे से नफरत करते हैं। फिर भी, आईएस के खतरे की आशंका को नकारा नहीं जा सकता है।
इंटरनेशनल क्राइसिस ग्रुप से जुड़े सलाहकार इब्राहिम बहीस ने कहा, ‘‘आईएस कोई अल्पकालिक खतरा नहीं है।’’ वहीं, ‘फाउंडेशन फॉर द डिफेंस ऑफ डेमोक्रेसीज थिंक टैंक’ द्वारा प्रकाशित लांग वार जर्नल के बिल रॉग इससे अलग विचार रखते हैं। उनका कहना है कि तालिबान अमेरिका के सहयोग के बिना भी आईएस को उखाड़ फेंक सकता है। उन्होंने कहा कि तालिबान अपने स्थानीय मुखबिरों और खुफिया नेटवर्क का इस्तेमाल कर आईएस का खात्मा करने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि आईएस के पास तालिबान की तरह पाकिस्तान और ईरान में पनाहगाह नहीं हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

four × 2 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।