अफगानिस्तान में इस्लामक स्टेट से संबद्ध ‘इस्लामिक स्टेट-खुरासान प्रांत’ (आईएसकेपी) ने काबुल हवाईअड्डे के बाहर हुए हमलों की जिम्मेदारी ली है। अफगान और अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, काबुल हवाईअड्डे के पास दो आत्मघाती हमलावरों और बंदूकधारियों ने अफगानों की भीड़ पर किए गए हमले में कम से कम 73 लोगों की मौत हो गई जबकि कई अन्य के घायल होने की खबर है।
मृतकों में 13 अमेरिकी सैनिक और अफगानिस्तान के 60 लोग शामिल हैं। आईएस से संबद्ध आईएसकेपी ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि उसने अमेरिकी सैनिकों और उसके अफगान सहयोगियों को निशाना बनाया। बयान के साथ एक तस्वीर भी साझा की गई। आतंकवादी संगठन ने कहा कि यह वही हमलावर है, जिसने हमले को अंजाम दिया।
तस्वीर में कथित हमलावर को काले आईएस झंडे के सामने विस्फोटक बेल्ट के साथ खड़ा देखा जा सकता है, जिसके चेहरे पर एक काला कपड़ा बंधा है और केवल उसकी आंखें दिख रही हैं। बयान में दूसरे आत्मघाती हमलावर या बंदूकधारियों का कोई जिक्र नहीं था। दावे को स्वतंत्र रूप से सत्यापित नहीं किया जा सका है।
राष्ट्रपति सालेह ने तालिबान की खोली पोल
अफगानिस्तान के स्वघोषित कार्यवाहक राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने तालिबान की पोल खोल दी है और उन्होंने कहा है कि तालिबान आईएसआईएस-के के साथ अपने संबंधों को नकार नहीं सकता। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़ने के बाद खुद को कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित करने वाले अमरुल्लाह सालेह ने ट्वीट कर कहा कि तालिबान आईएसआईएस के साथ अपने संबंधों से इनकार कर रहा है, यह बिल्कुल वैसा ही है जैसे पाकिस्तान आतंकी संगठन क्वेटा को लेकर दावा करता है।
उन्होंने आगे कहा कि हमारे पास मौजूद हर सबूत बताता है कि ISIS-K की जड़ों में तालिबानी और हक्कानी नेटवर्क हैं, जो कि काबुल में काफी सक्रिय है। तालिबान अपने मास्टर से अच्छी तरह सीख गया है। बता दें कि अफगानिस्तान की राजधानी काबुल कई बम धमाकों में 13 अमेरिकी नौसैनिकों समेत अब तक 72 लोगों की मौत हो गई है। मारे गए बाकी 60 लोगों के अफगान नागरिक होने का अनुमान है।