दुनिया आज हथियारों की होड़ में आज इनता आगे बढ़ चुकी है की हर देश एक दुसरे से सैन्य ताकत में खुद को बेहतर बनाने के लिए अरबों-खरबों डॉलर खर्च कर रहा है। अमेरिका, रूस और चीन जैसी बड़े देश अपनी आर्मी के ऊपर इतना खर्च करते है जितना कई देशो की पूरी अर्थव्यवस्था से भी ज्यादा होगा। आज हम आपको बताने जा रहे है एक ऐसे देश के बारे में जो भले ही इन बड़े देशों से छोटा हो पर सैन्य ताकत के मामले में इनका कोई मुकाबला नहीं है। हम बात कर रहे है इजराइल की जो आज अपने अत्याधुनिक हथियारों को बढती सैन्य ताकत से दुनिया भर में एक सैन्य महाशक्ति के तौर पर जाना जाता है।
भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का इजराइल दौरा और सैन्य व्यापार समझौते इस बात को दर्शाते है की भारत जैसा बड़ा मुल्क भी, इस देश के हथियारों का लोहा मानता है। इजराइल की इस बड़ी कामयाबी के पीछे इस देश की प्रबल इच्छाशक्ति है जिसने इस देश को आज इस काबिल बनाया है।
कहते है इजराइल के आम नागरिकों जैसी देशभक्ति शायद दुनिया के किसी भी देश के नागरिक से कई ज्यादा है। हथियारों और अत्याधुनिक तकनीक के मामले में इजराइल अमेरिका और रूस जैसी महाशक्तियों से कम नहीं है। दुश्मन देशों से घिरा होने के बावजूद किसी देश की हिम्मत नहीं होती की वो इजराइल की तरफ बुरी निगाह डाल सके।
इस देश में हर नागरिक चाहे वो महिला हो या पुरुष, के लिए सेना की ट्रेनिंग लेना अनिवार्य है ताकि जरुरत पड़ने पर वो अपने देश की सुरक्षा कर सके। पुरुषों के लिए तीन साल और महिलाओं के लिए दो साल सेना में कम करना अनिवार्य है।
कई देश आज इजराइल को एक मिसाल के तौर पर देखते है और उससे काफी कुछ सीखने की कोशिश करते है। अपने कड़े और अथक प्रयासों के बाद इजराइल आज हर वो काम कर पा रहा है जो किसी देश को बेहतर बनाने के लिए जरूरी होते है।
भारत से इजराइल के मजबूत होते रिश्ते एक अच्छा संकेत है पर सवाल है क्या भारत इजराइल जैसी इच्छाशक्ति पैदा कर पायेगा। उम्मीद है हम खुद को सक्षम बनाने के लिए काफी कुछ सीखेंगे और अमल में लायेंगे।