Netanyahu Statement: लेबनान में हिजबुल्लाह के सदस्यों के पेजर में हुए सीरियल ब्लास्ट के 54 दिन बाद इजराइल ने जिम्मेदारी ली है। प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा कि उन्होंने हमले की मंजूरी दी थी। उन्होंने कहा कि डिफेंस एजेंसी और सीनियर अधिकारी पेजर अटैक और हिजबुल्लाह के तत्कालीन चीफ नसरल्लाह को ढेर करने के ऑपरेशन के खिलाफ थे। मैंने विरोध के बावजूद हमले के ऑर्डर दिए।
80 टन बम से किए थे हमला
बता दें, 17 सितंबर को पेजर धमाकों और 18 सितंबर को वॉकी-टॉकी हमले में हिजबुल्लाह के 40 लोग मारे गए थे। जबकि, तीन हजार से ज्यादा लोग घायल हुए थे। 27 सितंबर को नेतन्याहू ने यूएन में भाषण देने के बाद अपने होटल से लेबनान में हिजबुल्लाह के हेडक्वार्टर पर 80 टन बम से हमले की इजाजत दी थी। हमले के 20 घंटे बाद हिजबुल्लाह ने नसरल्लाह की मौत की पुष्टि की थी।
हाल में हिजबुल्लाह ने अपने सदस्यों को दिए थे पेजर
दरअसल, पेजर वायरलेस डिवाइस होता है। उसका इस्तेमाल मैसेज भेजने और प्राप्त करने के लिए होता है। यह छोटे स्क्रीन और लिमिटेड कीपैड के साथ आता है। इसकी मदद से मैसेज जल्दी प्राप्त किया जा सकता है। रिपोर्ट्स की मानें तो जिन पेजर्स में विस्फोट हुआ, उन्हें हाल में हिजबुल्लाह ने अपने सदस्यों को दिया था। गाजा युद्ध शुरू होने के बाद हिजबुल्लाह ने सदस्यों को मोबाइल का इस्तेमाल करने को मना किया था। इजराइल के संभावित हमले से बचने को यह कदम उठाया गया था। जुलाई में हसन नसरल्लाह ने अपने सदस्यों से मोबाइल डिवाइस और सीसीटीवी का इस्तेमाल बंद करने के लिए कहा था। उन्हें डर था कि इजराइली एजेंसी हैक कर सकती है।
महीनों से पता थी नसरल्लाह की लोकेशन
न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी रिपोर्ट के अनुसार इजराइली नेताओं को महीनों से नसरल्लाह की लोकेशन मालूम थी। वे एक हफ्ते पहले उस पर हमले की योजना बना लिए थे। हालांकि, इजराइली अधिकारियों को डर था कि नसरल्लाह कुछ दिनों में लोकेशन बदल लेगा। इस कारण उस पर हमले के लिए बेहद कम समय था। फिर 27 सितंबर को प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हिजबुल्लाह के हेडक्वार्टर पर हमले की इजाजत दी थी।
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