आतंकवाद के मुद्दे पर हमेशा कड़ा रुख दिखाने वाले इजरायल ने से वही तेवर दिखाएं हैं। कश्मीर के मुद्दे पर भारत को इजराइल का भी साथ मिला है। इजरायली अधिकारियों के मुताबिक किसी भी कीमत पर उनका देश कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन नहीं करेगा। बता दे कि इजरायल का यह बयान भारत के दृष्टिकोण से काफी महत्व रखता है। क्योंकि अब तक कश्मीर मामले को लेकर इजरायल कुछ भी बोलने से बचता रहा है। लेकिन अब उसने इस मामले में खुलकर अपना पक्ष रखा है ।
इजराइली अधिकारियों के मुताबिक कश्मीर भारत-पाकिस्तान के बीच का मुद्दा है और इजरायल आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है।
इजराइल ने भारत का समर्थन करते हुए कहा कि भारत का पाकिस्तान के साथ मुख्य मुद्दा सीमा पार से होने वाली आतंकी गतिविधि है जो कश्मीर में अशांति फैला रहा है। 90 के दशक में इजराइल से पूरी तरह राजनयिक संबंध स्थापित होने के बाद से ही इजराइल मानना रहा है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है।
इजराइली अधिकारी के मुताबिक कश्मीर में हालात चाहे जैसे भी हो पाकिस्तान को समर्थन देने का सवाल ही नहीं उठता है। गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी इजरायल का दौरा करने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं।
गौरतलब है कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इजरायल यात्रा पर गए थे। यही नहीं इजरायल की यात्रा पर जाने वाले वह देश के पहले प्रधानमंत्री हैं। इससे पहले किसी भी प्रधानमंत्री ने इजरायल की यात्रा नहीं की थी । ऐसे में इजरायल के रुख में ये बदलाव भारत के लिए काफी अहम है।
बता दे कि 2003 में भारत आए इजरायल के तत्कालीन प्रधानमंत्री एरियल शेरॉन ने कश्मीर को लेकर कोई बात नहीं कही थी। अभी जब हाल में पीएम नरेंद्र मोदी इजरायल की यात्रा पर गए थे। तब भी वहां साझा बयान के दौरान जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर कुछ खास नहीं कहा गया था। भारत के लिए सीमा पार से आतंकवाद ही सबसे प्रमुख मुद्दा रहा है, जिसके चलते जम्मू-कश्मीर में अक्सर तनाव रहता है। भारत इसके लिए पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद को जिम्मेदार ठहराता रहा है। 90 के दशक में भारत ने इजरायल के साथ कूटनीतिक संबंध स्थापित किए थे । तब से ही इजरायल का यह पक्ष रहा है कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है। लेकिन अब तक कश्मीर मामले पर इजरायल चुप ही रहा है ।