इजरायली वायु सेना (आईएएफ) ने सोमवार को कहा कि उसने हिजबुल्लाह की दर्जनों ठिकानों पर टारगेटेड, इंटेलिजेंस बेस्ड हमले किए। ये हमले बेरूत, दक्षिणी लेबनान और लेबनानी क्षेत्र के भीतरी इलाकों में किए गए। इजरायल रक्षा बलों (आईडीएफ) के मुताबिक जिन ठिकानों को निशाना बनाया गया उनका इस्तेमाल लेबनानी ग्रुप, अपनी आर्थिक गतिविधियों के लिए करता था।
आईडीएफ ने एक बयान में कहा, पैसा अल-कर्द अल-हसन एसोसिएशन द्वारा जमा किया गया था, जो हिजबुल्लाह की आतंकी गतिविधियों को सीधे तौर पर फंड करता है, जिसमें हथियारों की खरीद और हिजबुल्लाह की सैन्य शाखा के कार्यकर्ताओं को भुगतान शामिल है। इसमें कहा गया है, 'हिजबुल्लाह ने अपनी शाखाओं में अरबों डॉलर जमा कर रखे हैं, जिसमें आतंकवादी संगठन के नाम पर सीधे जमा किया गया पैसा भी शामिल है।'
आईडीएफ ने बताया कि हमले शुरू करने से पहले, नागरिकों को नुकसान पहुंचने के जोखिम को कम करने के लिए कई कदम उठाए गए, जिसमें क्षेत्र में नागरिक आबादी को विभिन्न प्लेटफार्मों के माध्यम से अग्रिम चेतावनी जारी करना भी शामिल था। इजरायली सेना कहा कि ये हमले हिजबुल्लाह के आतंकी ढांचे, उसकी सैन्य क्षमताओं को कमजोर करने के लिए आईडीएफ के चल रही कोशिशों का हिस्सा है। इससे पहले लेबनानी स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को जानकारी दी कि इजरायली हवाई हमलों में मरने वालों की संख्या 2,464 तक पहुंच गई। वहीं 11,530 लोग घायल हुए हैं।
मंत्रालय ने रविवार को बताया कि अकेले शनिवार को इजरायली हमलों में 16 लोग मारे गए और 59 अन्य घायल हो गए। इजरायली सेना 23 सितंबर से लेबनान पर एयर स्ट्राइक कर रही है। उसने सीमा पार एक 'सीमित' जमीनी अभियान भी चलाया है, जिसका उद्देश्य कथित तौर पर हिजबुल्लाह को कमजोर करना है।
इजरायली हमलों में हिजबुल्लाह के चीफ हसन नसरल्लाह समेत कई कमांडरों की मौत हो गई और उसके कई ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचा है। हालांकि लेबनानी ग्रुप भी इजरायल पर मिसाइलें दाग कर पलटवार कर रहा है। 8 अक्टूबर, 2023 को हिजबुल्लाह ने गाजा में हमास के प्रति एकजुटता जाहिर करते हुए इजरायल पर रॉकेट दागने शुरू किए थे। नवीनतम घटनाक्रम इसी संघर्ष का विस्तार है।