इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू ने कब्जे वाले पश्चिमी तट पर यहूदी बस्तियों को मजबूत करने की योजना के साथ-साथ फलस्तीनियों के खिलाफ कई दंडात्मक कदमों की घोषणा की है। उन्होंने गोलीबारी की दो घटनाओं में सात इज़राइलियों के मारे जाने और पांच अन्य के घायल होने के बाद यह कदम उठाया है। इज़राइल और फिलिस्तीन के बीच का विवाद बहुत पुराना रहा है जिसे अभी तक नहीं सुलझाया गया है, जिसके कारण वहां पर बार-बार तनाव की स्थिति उत्पन्न होती है।
कैसे पैदा हुई तनाव की स्थिति?
शनिवार की उनकी इस घोषणा के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की अगले सप्ताह की यात्रा पर संशय के बादल मंडराने लगे हैं तथा इस क्षेत्र में तनाव और बढ़ने की आशंका पैदा हो गई है। जनवरी 2023 हाल के वर्षों में पश्चिमी तट और पूर्वी यरूशलम में सबसे खूनी महीनों में एक रहा है।
अब तक कितने लोगों की जान चली गई?
सुरक्षा मामलों पर नेतान्याहू की मंत्रिमंडलीय समिति ने गोलीबारी की दो घटनाओं के मद्देनजर सरकार के दंडात्मक कदमों को मंजूरी दी है। इनमें से एक हमला शुक्रवार रात को हुआ था, जब पूर्वी यरूशलम के एक उपासना स्थल के बाहर गोलीबारी में सात लोगों की जान चली गई थी।
नेतान्याहू ने हमलावारों पर की सख्त कार्रवाई
नेतान्याहू के कार्यालय ने बताया कि इस समिति ने हमलावरों के मकानों को ध्वस्त करने से पहले उन्हें सील करने को मंजूरी दी। सरकार ने हमलावरों के परिवारों को हासिल सामाजिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य लाभ रद्द करने, इज़राइलियों के लिए हथियार प्राप्त करने की प्रक्रिया को आसान बनाने तथा अवैध हथियारों को जब्त करने के प्रयासों में तेजी लाने की भी योजना बनाई है।
अमेरिका के राष्ट्रपति हमले पर क्या बोले?
अमेरिका ने इज़राइल के इन कदमों पर फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। अमेरिका के बाइडन प्रशासन ने गोलीबारी की निंदा की है, लेकिन वह पूर्वी यरूशलम और पश्चिम तट पर यहूदी बस्तियों के निर्माण के खिलाफ है।