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जयशंकर ने अशरफ गनी से मुलाकात की, भारत का समर्थन दोहराया

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को ताशकंद में अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी से मुलाकात कर युद्धग्रस्त देश से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद वहां तेजी से बिगड़ रही स्थिति पर चर्चा की।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को ताशकंद में अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी से मुलाकात कर युद्धग्रस्त देश से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद वहां तेजी से बिगड़ रही स्थिति पर चर्चा की।
गनी से मुलाकात के बाद जयशंकर ने कहा कि उन्होंने अफगानिस्तान में शांति, स्थिरता और विकास के प्रति भारत का समर्थन दोहराया।
यह मुलाकात एक बहुपक्षीय सम्मेलन से इतर हुई।
विदेश मंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘राष्ट्रपति अशरफ गनी से मुलाकात कर प्रसन्न हूं। अफगानिस्तान के भीतर और आसपास की मौजूदा स्थिति पर चर्चा की। अफगानिस्तान में शांति, स्थिरता और विकास के प्रति समर्थन दोहराया।’’
गनी के कार्यालय ने कहा कि जयशंकर ने उन्हें बताया कि भारत अफगानिस्तान को अपनी मानवीय मदद जारी रखेगा और उसे 1,50,000 टन गेहूं भेजेगा। विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि भारत अफगानिस्तान का समर्थन करने के लिए क्षेत्रीय सहमति को मजबूत बनाने के लिए काम करता रहेगा।
जयशंकर ने अमेरिकी उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एलिजाबेथ शेरवुड-रैंडल और अफगान शांति प्रक्रिया के लिए विशेष अमेरिकी प्रतिनिधि जलमय खलीलज़ाद के साथ भी बातचीत की। अमेरिकी अधिकारियों के साथ अपनी बैठक के बारे में जयशंकर ने ट्वीट कर कहा कि अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर विचारों का आदान-प्रदान किया गया।
ताशकंद में कनेक्टिविटी पर बहुपक्षीय सम्मेलन में गनी और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान सहित क्षेत्र के कई देशों के शीर्ष नेताओं ने भाग लिया।
जयशंकर ताजिकिस्तान की राजधानी दुशान्बे की दो दिवसीय यात्रा के बाद ताशकंद पहुंचे हैं। दुशान्बे में जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की महत्वपूर्ण बैठक में शामिल हुए।
एससीओ देशों के विदेश मंत्रियों ने अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद अफगानिस्तान में तालिबान का प्रभाव बढ़ने से बिगड़ रही स्थिति पर गंभीर चर्चा की।
अमेरिका ने अफगानिस्तान से अपने अधिकतर सैनिकों को वापस बुला लिया है और वह युद्धग्रस्त देश में लगभग दो दशक तक अपनी मौजूदगी के बाद अगस्त के अंत तक अपने सभी सैनिकों को वापस बुलाने की प्रक्रिया पूरी करना चाहता है।
अफगानिस्तान में हाल के सप्ताहों में तालिबान ने सिलसिलेवार हमलों को अंजाम दिया है।
जयशंकर ने बुधवार को एससीओ की बैठक में अपनी टिप्पणी में कहा कि अफगानिस्तान का भविष्य इसका विगत नहीं हो सकता और विश्व हिंसा एवं ताकत के दम पर सत्ता हथियाने के खिलाफ है।
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, चीन के विदेश मंत्री वांग यी, पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मोहम्मद हनीफ अतमार बैठक में शामिल हुए।
ताशकंद में जयशंकर ने अपने बांग्लादेशी समकक्ष ए के अब्दुल मोमेन से भी बात की।
जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘ताशकंद कनेक्टिविटी सम्मेलन से इतर बांग्लादेश के विदेश मंत्री डॉ. ए के अब्दुल मोमेन से मिलकर खुश हूं। कनेक्टिविटी पहलुओं सहित हमारे संबंधों में प्रगति की समीक्षा करने का एक अच्छा अवसर।’’

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