विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सिंगापुर के अपने समकक्ष विवियन बालाकृष्णन से यहां मुलाकात के दौरान रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर बातचीत की तथा कोविड-19 से निपटने पर विचार साझा किए।जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र के इतर कई द्विपक्षीय बैठकें कीं। वह रविवार को मेक्सिको के लिए रवाना हो गए।
जयशंकर ने एक ट्वीट में बालाकृष्णन को अपना एक ‘‘पुराना मित्र’’ बताया। उन्होंने भारतीय मूल के सिंगापुरी नेता के साथ अपनी बैठक के बारे में रविवार को ट्वीट किया, ‘‘एक पुराने मित्र के साथ सहज वार्ता हुई। सिंगापुर के विदेश मंत्री विवियन बालाकृष्णन के साथ हिंद-प्रशांत संबंधी घटनाक्रम पर वार्ता की। कोविड-19 की चुनौती से निपटने पर विचार साझा किए।’’
A comfortable conversation with an old friend.
Discussing Indo-Pacific developments with FM @VivianBala of Singapore.
Sharing thoughts on overcoming the Covid challenge. pic.twitter.com/lv1gWUsCqz
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) September 26, 2021
हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य मौजूदगी की पृष्ठभूमि ने भारत, अमेरिका और विश्व के कई अन्य नेता मुक्त, खुला एवं सम्पन्न क्षेत्र सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर चर्चा कर रहे हैं।चीन लगभग पूरे विवादित दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है, जबकि ताइवान, फिलिपीन, ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम भी इस पर अपना दावा करते हैं। चीन ने दक्षिण चीन सागर में कई कृत्रिम द्वीप और सैन्य प्रतिष्ठान बनाए हैं।
जयशंकर और बालाकृष्णन की इस बैठक से एक महीने पहले भारत और सिंगापुर ने हिंद-प्रशांत में सहयोग के तरीकों पर चर्चा की थी और क्षेत्र में मौजूद अंतरराष्ट्रीय एवं रणनीतिक महत्व के मामलों पर विचार साझा किए थे।
दोनों पक्षों ने 11 अगस्त को डिजिटल माध्यम से आयोजित हुए 15वें भारत-सिंगापुर विदेश कार्यालय परामर्श के दौरान वार्ता की थी।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की और इस बात पर संतुष्टि जताई कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के बावजूद खासकर व्यापार एवं रक्षा क्षेत्रों में इन संबंधों का विस्तार हुआ है।सिंगापुर ने 2021-2024 तक तीन साल की अवधि के लिए आसियान (दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन) में भारत के लिए ‘समन्वयक देश’ की जिम्मेदारी संभाली है।जयशंकर मेक्सिको के अपने समकक्ष मार्सेलो एब्रार्ड कैसाबोन के आमंत्रण पर मेक्सिको गए हैं।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि विदेश मंत्री के रूप में मेक्सिको की अपनी पहली यात्रा के दौरान जयशंकर मेक्सिको की आजादी की 200 वीं वर्षगांठ के विभिन्न कार्यक्रमों में विश्व के अन्य नेताओं के साथ भाग लेंगे।वह कैसाबोन के साथ अपनी बैठक के अलावा मेक्सिको के राष्ट्रपति मैनुअल लोपेज ओब्रेडोर से भी मुलाकात करेंगे और मेक्सिको की प्रमुख कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और व्यापारिक समुदाय के साथ बातचीत करेंगे, जो वर्तमान में लातिन अमेरिका में भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है।