विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को वैश्विक प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन में कहा कि पिछले पांच वर्षों में क्वाड गठबंधन का विकास चारों देशों के नेताओं की रचनात्मकता और दूरदर्शिता का प्रमाण है। उन्होंने कहा, क्वाड बहुत दिलचस्प है, क्योंकि अन्य तीन संधि सहयोगी हैं। तीन संधि सहयोगियों के लिए एक गैर-संधि देश के साथ काम करना हमारे लिए एक नया अनुभव है, जैसा कि उनके लिए है। साथ चलने के साथ ही हम सभी को बदलना होगा।” जयशंकर परमाणु अप्रसार संधि का जिक्र कर रहे थे, जिसका भारत हस्ताक्षरकर्ता नहीं है।
‘चतुर्भुज सुरक्षा संवाद’ (क्यूएसडी) या क्वाड एक अनौपचारिक रणनीतिक मंच है, जिसमें चार राष्ट्र अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं। यह समूह पहली बार 2007 में आसियान शिखर सम्मेलन के मौके पर मिला था, लेकिन चीन के विरोध के बाद यह ठंडे बस्ते में चला गया। फिलीपींस में पहली आधिकारिक वार्ता के साथ विश्व मामलों में चीन की बढ़ती आक्रामकता के मद्देनजर 2017 में इसे पुनर्जीवित किया गया था।
जयशंकर ने कहा, “हमें भी कभी-कभी यह पता लगाने के लिए अपनी धारणाओं पर फिर से विचार करना पड़ता है कि यह कैसे काम करता है। तथ्य यह है कि, क्वाड ने पिछले पांच वर्षों में जो विकास किया है, वह इन चार देशों के नेताओं की रचनात्मकता और दूरदर्शिता का प्रमाण है।”