विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को अपने बांग्लादेशी समकक्ष ए के अब्दुल मोमेन से मुलाकात की और उनसे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ़ करने के तरीकों पर चर्चा की। जयशंकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बांग्लादेश की आगामी यात्रा की तैयारी के लिए भारत की ‘पहले पड़ोसी’ की नीति के तहत बृहस्पतिवार को एक दिवसीय यात्रा पर यहां पहुंचे।
मोमेन ने यहां कुरमीटोला वायुसेना अड्डे पर जयशंकर का स्वागत किया। जयशंकर मोमेन के आमंत्रण पर यहां आए। विदेश मंत्री के बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से भी मुलाकात करने की संभावना है। जयशंकर और मोमेन ने एक सरकारी अतिथिगृह में हुई बैठक में अपने-अपने पक्ष का नेतृत्व किया।
Held comprehensive discussions with FM @AKAbdulMomen on our bilateral relations. Noted our steady progress, even during COVID. Shared my thoughts on the relationship & its prospects with the press. pic.twitter.com/NAbGCwldIi
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) March 4, 2021
उन्होंने दोनों देशों के संबंधों में हुई प्रगति की समीक्षा की। ढाका में भारतीय उच्चायोग ने ट्वीट किया, ‘‘विदेश मंत्री एस जयशंकर ने (बांग्लादेश के) विदेश मंत्री ए के अब्दुल मोमेन के साथ सरकारी अतिथिगृह पद्म में द्विपक्षीय संबंधों पर व्यापक वार्ता की।’’ दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को आगे ले जाने के तरीकों पर भी चर्चा की।
जयशंकर ने ढाका में फिर से आने पर खुशी जताई और उनका गर्मजोशी से स्वागत करने के लिए मोमेन को धन्यवाद दिया। जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘मुझे फिर से ढाका आकर खुशी हो रही है। मेरा इतनी गर्मजोशी से स्वागत करने के लिए (बांग्लादेश के) विदेश मंत्री ए के अब्दुल मोमेन का शुक्रिया।’’
प्रधानमंत्री मोदी बांग्लादेश और भारत के राजनयिक संबंधों के 50 साल पूरे होने और बांग्लादेश की मुक्ति की 50वीं वर्षगांठ के समारोह में शामिल होने के लिए 26 मार्च को दो दिवसीय यात्रा पर यहां आएंगे। प्रधानमंत्री हसीना ने बांग्लादेश आने का उनका निमंत्रण स्वीकार करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया था।
‘यूएनबी’ संवाद समिति ने बताया था कि बांग्लादेश के विदेश मामलों के राज्य मंत्री एम शहरियार आलम ने मंगलवार को बांग्लादेश एवं भारत के गहरे संबंधों को रेखांकित किया था। उन्होंने कहा था कि उनका देश 1971 में बांग्लादेश को मिली मुक्ति की 50 वर्षगांठ मनाने के लिए 17 से 26 मार्च तक कुछ महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित करेगा।
आलम ने कहा था कि बांग्लादेश प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा को लेकर उत्सुक है, जिससे द्विपक्षीय संबंध और मजबूत होंगे। बांग्लादेशी अधिकारियों ने बताया कि मोदी की यात्रा के दौरान दोनों देशों के प्रधानमंत्री ढाका और पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी के बीच सीधी यात्री ट्रेन सेवा को हरी झंडी दिखा सकते हैं।
मोदी और हसीना ने 17 दिसंबर को डिजिटल शिखर सम्मेलन में भाग लिया था, जिसमें उन्होंने हल्दीबाड़ी और चिल्हाटी के बीच ट्रेन सेवा को हरी झंडी दिखाई थी। बांग्लादेश के विदेश सचिव मासुद बिन मोमेन ने जनवरी में भारत की यात्रा की थी और इस दौरान दोनों पक्षों ने मोदी की बांग्लादेश यात्रा के कार्यक्रम पर विस्तार से विचार-विमर्श किया था।
नयी दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कहा था कि जयशंकर बांग्लादेश की यात्रा के दौरान द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति की समीक्षा करेंगे। करीब 93,000 पाकिस्तानी बलों ने भारतीय सेना और ‘मुक्ति वाहिनी’ के संयुक्त बलों के आगे 16 दिसंबर, 1971 को समर्पण कर दिया था, जिसके बाद बांग्लादेश की स्थापना हुई थी।