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हांगकांग पर थोपी गई एक देश दो प्रणाली नीति का चिनफिंग ने किया बचाव

चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने हांगकांग के लिए अपनी ‘‘एक देश, दो प्रणाली’’ नीति का शुक्रवार को बचाव करते हुए अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य देशों के उन आरोपों का खारिज कर दिया, जिसमें दावा किया गया है कि चीन ने इस नीति के जरिए 50 वर्ष के लिए हांगकांग को स्वतंत्रता एवं स्वायत्तता देने के वादे को कमजोर किया है।

चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने हांगकांग के लिए अपनी ‘‘एक देश, दो प्रणाली’’ नीति का शुक्रवार को बचाव करते हुए अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य देशों के उन आरोपों का खारिज कर दिया, जिसमें दावा किया गया है कि चीन ने इस नीति के जरिए 50 वर्ष के लिए हांगकांग को स्वतंत्रता एवं स्वायत्तता देने के वादे को कमजोर किया है।
एक देश दो प्रणाली सार्वभौमिक रूप से सफलता प्राप्त की -शी चिनफिंग राष्ट्रपति चीन
हांगकांग को चीनी शासन को सौंपने की 25वीं वर्षगांठ के मौके पर चिनफिंग बृहस्पतिवार को यहां पहुंचे। ब्रिटेन ने एक जुलाई, 1997 को हांगकांग चीन को लौटा दिया था। कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण करीब ढाई साल बाद शी हांगकांग की यात्रा पर आए हैं। इस मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में शी ने कहा, ‘‘ एक देश, दो प्रणाली’’ की नीति ने सार्वभौमिक रूप से सफलता प्राप्त की है।
हांगकांग को स्वतंत्रता जैसा प्रतीत कराने के उद्देशय से दिया गया बयान 
यह नीति हांगकांग को उसके स्वयं के कानून और अपनी सरकार बनाने का अधिकार देती है।शी ने कहा, ‘‘ इस तरह की सफल व्यवस्था को बदलने के लिए कोई वजह मौजूद नहीं है, बल्कि इसे लंबे समय तक कायम रखना चाहिए।’’ उनका यह बयान हांगकांग के लोगों को आश्वस्त करने का एक प्रयास प्रतीत होता है कि 50 वर्ष के बाद भी हांगकांग की स्वतंत्रता कायम रहेगी।
2017 के बाद पहली बार हांगकांग पहुंचे शी चिनफिंग 
उन्होंने आगाह किया कि हांगकांग के मामलों में विदेशी हस्तक्षेप या देशद्रोहियों के प्रति कोई सहिष्णुता नहीं बरती जाएगी। उन्होंने कहा कि ‘‘ राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा और विकास के हितों की रक्षा करना’’ सर्वोच्च प्राथमिकता है। शी ने कहा, ‘‘ दुनिया को कोई भी देश या क्षेत्र विदेशी या देशद्रोही ताकतों को सत्ता पर कब्जा करने की अनुमति नहीं देगा।’’ शी आखिरी बार इस खास दिन का जश्न मनाने एक जुलाई 2017 को हांगकांग आए थे।
हांगकांग पर कब्जा करने के बाद चीन ने किए हैं अहम बदलाव 
चिनफिंग के नेतृत्व में, चीन ने विरोध प्रदर्शनों पर नकेल कसने और असंतोष को शांत करने के लिए सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करने, स्कूलों में ‘देशभक्ति’ संबंधी पाठ्यक्रम शुरू करने और चुनाव कानूनों में बदलाव करने समेत हांगकांग में कई बदलाव किए हैं। इससे पहले, शी ने इस खास मौके पर जॉन ली को हांगकांग के नए नेता के रूप में शुक्रवार को शपथ दिलाई। ली, एक पूर्व सुरक्षा अधिकारी हैं। शहर में 2019 के लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनों के बाद से असंतोष जताने वाली घटनाओं पर कार्रवाई उनकी निगरानी में ही की गई।
वामपंथी नेताओं ने लिया हांगकांग ध्वजारोहण में हिस्सा 
ली ने शपथ ग्रहण करते हुए शहर के लघु-संविधान, मूल कानून को बनाए रखने और हांगकांग के प्रति निष्ठा रखने का संकल्प किया। उन्होंने चीन सरकार के प्रति जवाबदेह रहने का भी संकल्प किया। ली ने शपथ ग्रहण समारोह से पहले सुबह हांगकांग को चीनी शासन को सौंपने की 25वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित ध्वजारोहण समारोह में भी हिस्सा लिया था। इस कार्यक्रम में शी चिनफिंग, शहर की निवर्तमान नेता कैरी लैम सहित कई अन्य लोगों ने शिरकत की थी। ध्वजारोहण समारोह तेज हवाओं के बीच आयोजित किया गया और चीन तथा हांगकांग के झंडे लाने वाले पुलिस अधिकारियों ने ब्रिटिश शैली के मार्च की जगह चीनी ‘गूज़-स्टेपिंग’ शैली में मार्च किया।
  

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