चीन की वामपंथ सत्ता पर एकाधिकार रखने वाले तानाशाह जिनपिंग ने अपने भाषण में वैश्विक मुद्दों पर बात तो की हैं, लेकिन अपने भाषण पर जिनपिंग ने उइगर मुसलमानों का अपने संबोधन का जिक्र तक नहीं किया हैं। जिनपिंग ने अपने दो लंबे संबोधन में शिनंजियांग राज्य को लेकर कोई बात नहीं की हैं। उइगर मुसलमानों को चीन वामपंथ द्वारा प्रताड़ना को लेकर उनके खिलाफ वैश्विक मुद्दा बन सका हैं, लेकिन चीन ने वैश्विक मुद्दों के लेकर कभी गंभीरता प्रकट नहीं की हैं। चीन ने ताइवान व हांगकांग में मिलने वाली चुनौती पर बोलते हुए कहा कि वह किसी भी हालात इन मुद्दों को लेकर समझौता नहीं करेंगे। अपनी जीरो कोविड़ नीति को लेकर शी जिनपिंग ने कहा कि वह संक्रमण को रोकने के लिए यह जारी रहेंगी। हालांकि जीरो कोविड नीति को लेकर जिनपिंग की कम्युनिस्ट के कई नेता विरोध कर चुके हैं। लेकिन पार्टी के सर्वेसर्वा होते हुए जिनपिंग पर उनकी बातों का कोई फ्रक नहीं पड़ा।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में उठ चुका हैं उइगर का मुद्दा
वैश्विक रिपोर्ट के आधार पर चीन की वामपंथ सरकार ने उइगर मुसलमानों का धार्मिक व अन्य प्रताड़ना करके उनकों बंदी बना लिया हैं। चीन में मुसलमानों के एक बड़े हिस्से को धार्मिक आजादी छीन ली हैं , विरोध करने पर उनको डिंटेशन कैंप में रखा हैं। जंहा उन्हें प्रताड़ित किया जाता हैं। चीन के इस आचरण के कारण दुनिया के कई लोकतंत्र देशों ने चीन के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में उठाय़ा था। लेकिन वीटों के चलते चीन ने अपने खिलाफ प्रस्ताव को रोक दिया था।
जिनपिंग की तीसरे बार ताजपोशी के पोलित ब्यूरो की बैठक
चीन की गद्दी पर तीसरे बार बैठने के लिए जिनपिंग ने एकलौती पार्टी कम्युनिस्ट के पोलित ब्यूरो प्रमुख भी हैंं, जिनपिंग अपनी कार्यकाल को आगे बढ़ाने के लिए लगातार पार्टी में एकाधिकार जमा रहे हैं । जिस कारण वह तीसरी बार चीन की गद्दी पर बैठ सकते हैं । माओ के बाद जिनपिंग ही इतने वर्षों तक राष्ट्रपति रहने वाले इकलौते वामपंथी नेता होंगे ।