तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के नजदीक तटीय शहर मामल्लापुरम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच 11 और 12 अक्टूबर को दूसरी अनौपचारिक शिखर वार्ता होने जा रही है, जिसके लिए पूरे शहर को अभेद्य किले में तब्दील कर दिया गया है। वही वार्ता से पहले चीन की ओर से बड़ा बयान आया है।
चीन का कहना है कि जम्मू-कश्मीर के मसले पर वह नजर बनाए हुए है और मसले को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के हिसाब से सुलझाना चाहिए। चीन का ये बयान दो दिन पहले दिए गए बयान से पूरी तरह उलट है, जिसमें उसने इस मसले को भारत-पाकिस्तान के बीच का मसला बताया था। लेकिन अब चीन के इस बयान पर भारत ने कड़ी निंदा की है। यही नहीं चीन के इस बयान पर कांग्रेस ने भी विरोध जताया है।
कांग्रेस के नेता मनीष तिवारी ने इस मामले पर मोदी सरकार से सवाल किया और कहा कि क्यों नहीं, भारत चीन से तिब्बत, हांगकांग के बारे में बात करता है। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने गुरुवार को ट्वीट किया कि अगर शी जिनपिंग कह रहे हैं कि उनकी नज़र जम्मू-कश्मीर पर है, तो प्रधानमंत्री या विदेश मंत्रालय क्यों नहीं कहता है कि भारत हांगकांग में हो रहे लोकतंत्र को लेकर प्रदर्शन को देख रहा है, शिंजियांग में हो रहे मानवाधिकार के उल्लंघन, तिब्बत की स्थिति और साउथ चाइना पर चीन की दखल पर हिंदुस्तान नज़र बनाए हुए है।