करतारपुर गलियारा समिति के पाकिस्तान-पैनल में ‘खालिस्तानी प्रतिनिधियों’ की नियुक्ति पर भारत की आपत्ति के एक महीने बाद भी पड़सी देश की ओर से अब तक कोई जवाब नहीं मिला है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने गुरुवार को मंत्रालय की नियमित प्रेस ब्रीफिंग के दौरान इस बारे में पूछे जाने पर कहा ‘‘02 अप्रैल को बाघा में होने वाली बैठक स्थगित कर दी गयी थी। उसे स्थगित करने के पीछे ठोस वजह थी। हमने गलियारा समिति में कुछ विवादास्पद तत्त्वों की मौजूदगी पर पाकिस्तान से स्पष्टीकरण माँगा था। हमने उन्हें बता दिया था कि पाकिस्तान से जवाब मिलने के बाद हम बैठक के तौर-तरीकों पर चर्चा कर सकते हैं।’’
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उन्होंने कहा ‘‘हमें अब भी पाकिस्तान के जवाब का इंतजार है।’’ भारत ने 29 मार्च को पाकिस्तान के उप राजदूत सैयद हैदर शाह को यहाँ तलब कर करतारपुर गलियारे पर बने पाकिस्तान-पैनल में ‘खालिस्तानी प्रतिनिधियों’ की मौजूदगी पर अपनी आपत्ति जताई थी। साथ ही वाघा में 02 अप्रैल को होने वाली बैठक स्थगित करने की भी बात उन्हें बता दी थी।
इससे पहले 14 मार्च को अटारी में दोनों देशों के बीच करतारपुर पर बैठक हो चुकी है, लेकिन उसमें सहमति कम और असहमति ज्यादा सामने आयी। भारत चाहता है कि करतारपुर गलियारा सप्ताह के सभी सात दिन तीर्थयात्रियों के लिए खुला रहे। पाकिस्तान इसे कुछ खास दिनों तक सीमित रखना चाहता है।
पाकिस्तान तीर्थ यात्रियों को अलग-अलग पैदल जाने देने की भारत की माँग पर भी सहमत नहीं है। वह चाहता है तीर्थ यात्री कम से कम 15 के समूह में वाहन में सवार होकर जायें।