भारत समेत दुनिया भर में सिख समुदाय के लोग गुरु नानक जयंती का उत्सव मना रहे हैं। इस बीच पाकिस्तान में स्थित गुरु नानक की जन्मस्थली ननकाना साहिब में खालिस्तान समर्थक पोस्टर लहराए जाने की खबर आई है। बता दें कि गुरु नानक की जन्मस्थली होने के कारण ननकाना साहिब सिख समुदाय में बेहद पवित्र स्थान माना जाता है। हर साल यहां लाखों लोग गुरुद्वारे में दर्शन के लिए पहुंचते हैं। पाकिस्तान के ननकाना साहिब में शुक्रवार को प्रो खालिस्तानी ग्रुप ने प्रदर्शन किया।
ये रेफरेंडम-2020 की मांग कर रहे हैं। इसको लेकर वहां पर पोस्टर लगाए गए हैं। इससे पहले पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग के दो अधिकारियों को दो गुरुद्वारों ननकाना साहिब और गुरुद्वारा सच्चा सौदा में प्रशासन द्वारा प्रवेश करने से रोक दिया गया। उनके साथ बदतमीजी की गई। इस वजह से अधिकारियों को वापस इस्लामाबाद लौटना पड़ा। गुरुद्वारों के प्रशासन का कहना है कि वे भारत में एक फिल्म की स्क्रीनिंग पर परेशान थे। उन्होंने दावा किया कि सिख समुदाय की भावनाओं को नुकसान पहुंचा है। अरनजीत सिंह और सुनील कुमार नामक दो अधिकारियों को बुधवार रात ननकाना साहिब और गुरुवार को गुरुद्वारा सच्चा सौदा में प्रवेश से रोक दिया गया। दोनों गुरुद्वारे पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित हैं।
पाकिस्तान सरकार भी जल्द करतारपुर कॉरीडोर रास्ते को परवान करें : भाई लोंगोवाल
केंद्रीय मंत्रीमंडल द्वारा प्रथम श्री गुरुनानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व पर गुरदासपुर स्थित डेरा बाबा नानक से लेकर अंतरराष्ट्रीय सीमा तक करतारपुर कॉरीडोर रास्ता खोलने संबंधित लिए गए फैसले का सिखों की सर्वोच्च संस्था शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान जत्थेदार भाई गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने स्वागत किया। इस फैसले से संबंधित जहां आम सिख खुशी का इजहार करता दिखा वही दूसरे समुदायों और धार्मिक संगठनों ने भी सिखों की चिर-परिचित मांग को पूरा किए जाने पर केंद्र सरकार को शुक्रिया कहा। अमृतसर स्थित एसजीपीसी मुख्यालय में हुई प्रेस वार्ता के दौरान बातचीत करते हुए भाई गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने कहा कि अब पड़ोसी मुलक पाकिस्तान की सरकार को भी इस कैरीडोर को जल्द परवान करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान द्वारा इस रास्ते से संबंधित प्रोजेक्ट को परवानगी दिए जाने से ही यह रास्ता 550 वें प्रकाश पर्व तक तैयार हो सकेंगा और सिख संगत गुरूद्वारे करतारपुर साहिब के दर्शन कर सकेंगी। हालांकि भारत सरकार ने इस प्रोजेक्ट पर सारी राशि खर्च करने की घोषणा की है किंतु एसजीपीसी ने भी अपनी यथा समर्थता योगदान दिए जाने की बात कही है। भाई लोंगोवाल ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार द्वारा डेरा बाबा नानक सरहद और पाकिस्तान सरहद के साथ जुड़े भारतीय इलाके तक रास्ता बनाने का फैसला सिख जगत के लिए तसल्लीबख्श है और इसके साथ ही सिखों द्वारा चिरपरिचित की जा रही मांग पूरी हुई है। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वह स्वयं पाकिस्तान जाने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में देश के प्रधानमंत्री, गृहमंत्री व अन्य विभागों के साथ जहां पत्र व्यवहार किया गया वही निजी तौर पर मुलाकातें भी की गई। उन्होंने भारत सरकार का एक बार फिर धन्यवाद कहा। स्मरण रहे कि कुछ माह पूर्व पंजाब के केबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए गए थे तो जज्बाती होकर उन्होंने वहां के सेना प्रमुख को गले लगा लिया था। इसके बाद सिद्धू विरोधियों के निशाने पर आए तो सिद्धू ने सफाई दी थी कि सेना प्रमुख ने कॉरिडोर खोलने की बात कही तो वह गले लग गए। कॉरिडोर को लेकर सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को पत्र लिखकर मामले को पाकिस्तान के समक्ष उठाने की मांग की थी। अब केंद्र सरकार ने कॉरिडोर बनाने का फैसला लेकर सिख संगत को बड़ा तोहफा दिया है।