देश में खालिस्तानी अमृतपाल सिंह की खोज जारी है। वहीं दूसरी तरफ खालिस्तानियों का समर्थन भी विदेश में नहीं रुक रहा है। ऐसे में एक अच्छी खबर सामने आ रही है। देखा जाए तो पंजाब में कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह पर पुलिस की कार्रवाई के बाद खालिस्तान-समर्थकों ने लंदन, ब्रिटिश कोलंबिया और सैन फ्रांसिस्को में भारतीय दूतावासों में तोड़फोड़ की। जानकारी के अनुसार अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने कहा कि खालसा ‘एकजुट करने वाली ताकत है, न कि विभाजनकारी’।
अमेरिका में भारत ने खालिस्तानियों को बनाया निशाना
सूत्रों के अनुसार भारतीय राजदूत संधू ने 9 अप्रैल को वाशिंगटन में एक कार्यक्रम में यह बात कही, इतना ही नहीं इस बीच कार्यक्रम में कई अन्य प्रतिष्ठित सिख भी शामिल हुए। आगे बता दें अमेरिका के सिखों द्वारा प्रतिष्ठित ‘सिख हीरो अवार्ड’ दिया गया। जानकारी के आधार पर अपने भाषण के दौरान संधू ने जोर देकर कहा कि “बैसाखी पर गुरु गोबिंद सिंह द्वारा बनाया गया खालसा एक एकीकृत शक्ति है, न कि विभाजित करने वाला”।
आगे उन्होंने कहा कि सिख धर्म का इतिहास महत्वपूर्ण अवधारणाओं और बुनियादी सिद्धांतों से जुड़ा रहा है, जिसमें एकता, समानता, ईमानदार जीवन, सार्वभौमिकता, सेवा, ध्यान, मन की शांति और लोगों के बीच सद्भाव बनाए रखना शामिल है। ऑस्ट्रेलिया में अलगाववादी समूहों द्वारा की जा रही हिंसा की घटनाओं का जिक्र करते हुए संधू ने कहा, ‘हमें अपने मूल मूल्यों को ध्यान में रखना चाहिए, न कि ऑनलाइन मीडिया का उपयोग करने वाले कुछ शरारती चरित्रों की तरह।’ अपने भाषण में, संधू ने भारत के उत्थान और अर्थव्यवस्था, डिजिटलीकरण, स्वास्थ्य और उद्यमिता के प्रमुख क्षेत्रों में देश की कुछ प्रमुख उपलब्धियों को भी साझा किया। दरअसल विदेश में खालिस्तानी भारत के खिलाफ लगातार साजिश रच रहे है वहीं दूसरी ओर विदेशी नेता भी भारत का साथ देने से पीछे नहीं हट रहे है।