दुनिया वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) के कहर से जूझ रहा है। इस वायरस का कहर विश्व के लगभग हर देश में फैल चुका है। महामारी क्क सबसे अधिक प्रभाव अमेरिका में सामने आया है। महाशक्तिशाली देश में कोरोना से संक्रमितों और मृतकों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। इस बीच अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए वायरल रोधी दवा के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी है।
यह मंजूरी तब दी गई है जब कुछ शोधकर्ताओं ने पाया कि यह दवा संक्रमित लोगों को तेजी से स्वस्थ होने में मदद करती है। शोधकर्ताओं में भारतीय-अमेरिकी डॉक्टर अरुणा सुब्रह्मण्यम भी शामिल हैं। एफडीए ने कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए वायरल रोधी दवा रेमडेसिविर के इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। शोधकर्ताओं ने पाया कि रेमडेसिविर कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के स्वास्थ्य में तेजी से सुधार लाने में कारगर है। रेमडेसिवीर अमेरिकी की गिलिएड कंपनी द्वारा बनाया गया एक दवा है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि ‘‘मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि एफडीए ने रेमडेसिविर के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है।’’ स्वास्थ्य एवं मानव सेवा मंत्री एलेक्स अजार ने बताया कि यह कोविड-19 से लड़ने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इस मंजूरी से रेमडेसिविर को अमेरिका में वितरित किया जा सकेगा और गंभीर रूप से बीमार किशोरों तथा बच्चों के इलाज में इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा।
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अमेरिका में अब तक कोरोना वायरस से 63,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई और 11 लाख से अधिक लोग संक्रमित पाए गए। ट्रंप ने कहा कि उनका प्रशासन इस पर तेजी से काम करने के लिए एफडीए, राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान और दवा कंपनी जिलीड के साथ मिलकर काम कर रहा है। वहीं, अमेरिका में कई अस्पताल कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज में मलेरिया के उपचार में काम आने वाली दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन का इस्तेमाल कर रहे हैं।
भारतीय-अमेरिकी हृदय रोग विशेषज्ञ निहार देसाई ने बताया कि ‘‘यह सस्ती दवा है, इसका दशकों से इस्तेमाल किया जाता रहा है और लोग इससे आराम महसूस कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि ‘‘हम अपनी ओर से भरसक प्रयास कर रहे हैं। हम उम्मीद करते हैं कि हमें फिर से कोरोना वायरस वैश्विक महामारी जैसी किसी चीज का सामना कभी न करना पड़े।’’ एफडीए ने कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए सबसे पहले हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन दवा के इस्तेमाल को मंजूरी दी थी।