भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में फांसी की सजा सुनाए जाने के खिलाफ भारत सरकार की याचिका पर बुधवार को अंतरराष्ट्रीय कोर्ट फैसला सुनाएगी। हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ऑफ़ जस्टिस ने अंतिम फैसला आने तक जाधव की फांसी पर रोक लगाने का आदेश दिया था साथ आज ही भारत और पाकिस्तान की निगाहे इस फैसले पर टिकी हैं।
कुलभूषण मामले में सुनवाई और अपना पक्ष रखने के लिए पाकिस्तानी के क़ानूनी जानकारों की एक टीम हेग पहुंच चुकी है। पाकिस्तान की कानूनी टीम का नेतृत्व देश के महान्यायवादी मंसूर खान कर रहे हैं।
टीम के साथ ही पाकिस्तान के विदेश विभाग के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल भी अंतरराष्ट्रीय कोर्ट पहुंचे गए हैं। पाकिस्तानी मीडिया का कहना है कि देश के कानूनी विशेषज्ञों के मुताबिक आईसीजे कुलभूषण जाधव को रिहा करने के भारतीय अनुरोध को ठुकरा देगा।
अब तक का विवरण
भारत ने जाधव तक राजनयिक पहुंच देने से बार-बार इनकार करके पाकिस्तान द्वारा वियना संधि के प्रावधानों का खुलेआम उल्लंघन करने के लिए 8 मई 2017 को आईसीजे का दरवाजा खटखटाया था।
आईसीजे की अदालत में सदस्यीय पीठ ने 18 मई 2017 को पाकिस्तान को जाधव की मौत की सजा पर अमल से रोक दिया था।
अंतरराष्ट्रीय अदालत ने फरवरी में चार दिन की सुनवाई की थी, जिसमें भारत और पाकिस्तान दोनों ने अपनी अपनी दलीलें रखी थी।
भारतीय नौसेना के द्वारा रिटायर अधिकारी कुलभूषण जाधव वर्तमान में पाकिस्तान की जेल में बंद हैं। पाकिस्तानी सरकार का दावा है कि कुलभूषण जाधव को पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने 3 मार्च 2016 को जासूसी और आतंकवाद के आरोप में ईरान देश के बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया था। इसके बाद जाधव को मौत की सजा सुनाई गई थी।
भारत ने पाकिस्तान में स्थित भारतीय उच्चायोग के अफसरों की जाधव से मुलाकात करवाने के लिए पाकिस्तानी सरकार से 16 बार इजाजत मांगी, लेकिन पाकिस्तान सरकार ने हर बार भारत के अनुरोध को ठुकरा दिया। कुलभूषण जाधव की पत्नी और मां भी उनसे मिलने के लिए पाकिस्तान की सरकार से बार-बार गुहार लगाती रहीं हैं।
मामला पंहुचा अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ऑफ़ जस्टिस-
9 मई 2017 को हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत ने कुलभूषण की फांसी पर रोक लगा दी। अंतरराष्ट्रीय अदालत में इस मामले में कई दौर में सुनवाई हुई, जहां कोर्ट में भारत और पाकिस्तान ने अपना-अपना पक्ष रखा। पाकिस्तानी देश के पास अभी भी कोई ठोस सबूत मौजूद नहीं है। भारत सरकार हर हाल में जाधव की रिहाई चाहती है और सरकार ने इस केस में अभी तक मजबूती से अपना पक्ष रखा है।