लाहौर हाई कोर्ट ने गृह मंत्रालय को निर्देश दिया है कि वह पाकिस्तानी नागरिकता और अपने वीजा की अवधि बढ़ाने का अनुरोध करने वाली भारतीय महिला की अर्जी पर 30 दिन के भीतर निर्णय करे। यह महिला यहां सिखों के बैसाखी महोत्सव में हिस्सा लेने के लिए आयी थी लेकिन उसने यहां एक स्थानीय युवक से विवाह करने के बाद इस्लाम धर्म अपना लिया।
‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की खबर के अनुसार अदालत ने महिला के वीजा की अवधि 30 दिन बढ़ाने के साथ ही गृह मंत्रालय को यह निर्णय करने का निर्देश दिया कि उसकी अर्जी के अनुसार क्या वह इसके लिए पात्र है कि उसके वीजा की अवधि छह महीने बढ़ाया जाए। पंजाब के होशियारपुर जिला निवासी किरण बाला उर्फ आमना बीबी बैसाखी महोत्सव में हिस्सा लेने के लिए गत 12 अप्रैल को एक विशेष ट्रेन से लाहौर आयी थी।
महिला ने यहां की अपनी यात्रा के दौरान इस्लाम अपना लिया और लाहौर के हिंगरवाल निवासी एक व्यक्ति से गत 16 अप्रैल को निकाह कर लिया। कानून के अनुसार किरण अब पाकिस्तान में एक महीने तक रह सकती है और यदि उसके वीजा की अवधि छह महीने बढ़ायी जाती है तो वह नागरिकता प्राप्त करने की पात्र बन जाएगी।
खबर में कहा गया है कि भारत-पाकिस्तान संधि के अनुसार दोनों में से किसी भी देश के नागरिक सात वर्ष बाद अन्य देश की नागरिकता ले सकते हैं। किरण को अब सात वर्षों तक अपने वीजा की अवधि प्रत्येक छह महीने पर नवीनीकृत करानी होगी और यदि कानून या संवैधानिक उल्लंघनों की कोई शिकायत नहीं हो तो वह पाकिस्तानी नागरिक बन सकती है।
महिला ने अपनी अर्जी में कहा है कि उसने मोहम्मद आजम के साथ निकाह अपनी मर्जी से किया है और वह इस देश में रहना चाहती है। उसने कहा, ”मैं एक पाकिस्तानी व्यक्ति से निकाह करके पाकिस्तान में रहना चाहती हूं। मैं यहां पर अपने पति के साथ बहुत खुश हूं और वापस नहीं जाना चाहती। मैंने इस्लाम अपना लिया है और मेरा नया नाम आमना है।” उसने कहा,”एक पाकिस्तानी व्यक्ति से विवाह करने के बाद मैं पाकिस्तानी नागरिकता कानून 1951 की धारा 10 (2) के तहत नागरिकता प्राप्त करने की हकदार हूं।”
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