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दुनिया में लंबे लॉकडाउन की आशंका, स्पेन में कोरोना वायरस के कारण 24 घंटे में 838 लोगों की मौत

स्पेन के राष्ट्रीय अखबार ने रविवार को देश में कोरोना वायरस के कारण 24 घंटे में 838 लोगों की मौत होने की खबर दी है जो दुनिया को इस बात की चेतावनी है

स्पेन के राष्ट्रीय अखबार ने रविवार को देश में कोरोना वायरस के कारण 24 घंटे में 838 लोगों की मौत होने की खबर दी है जो दुनिया को इस बात की चेतावनी है कि 31,000 से अधिक लोगों की जान ले चुके इस वायरस के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए लॉकडाउन की स्थिति लंबे समय तक चल सकती है। 
कोरोना वायरस की महामारी के नये केंद्र के रूप में उभरे यूरोप और अमेरिका में बीमार मरीजों की बहुतायत है। यह स्थिति अप्रत्याशित रूप से अर्थव्यवस्था को नुकसान की ओर ले जा रही है। 
अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने न्यूयॉर्क को बंद करने से इनकार कर दिया है जो उस भय और भ्रम को रेखांकित करता है जिसकी बानगी इस समय दुनिया के कई हिस्सों में वायरस को नियंत्रित करने में दिख रही है। 
स्पेन में लगातार तीसरे दिन 24 घंटे में होने वाली मौतों की संख्या में वृद्धि हुई है। देश में लॉकडाउन को सख्ती से लागू कराया गया है और अधिकारियों को उम्मीद है कि नये मामलों की वृद्धिदर में कमी का अभिप्राय है कि स्पेन संकट के चरम पर पहुंच गया है। 
कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में जीवन के सभी पहलुओं पर विध्वंसक असर डाला है: लाखों नौकरियां चली गईं, चुनाव टल गए और खेल आयोजन रोक दिए गए हैं। इससे दुनिया भर में स्वास्थ्य क्षेत्र पर अत्यधिक बोझ बढ़ गया है, डॉक्टर एवं नर्स व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों की कमी से जूझ रहे हैं और दुनिया के सबसे अमीर शहर मास्क और जीवनरक्षक प्रणाली की सीमित संख्या की वजह से संघर्ष कर रहे हैं। 
मास्क से लेकर थ्री-डी प्रिंटेट नकाब सहित नवोन्मेषी उपाय इस कमी के विकल्प के तौर पर उभरे हैं तथा मांग और आपूर्ति की खाई को पाटने के लिए फैक्टरियां काम कर रही हैं। हालांकि, इटली, स्पेन और न्यूयॉर्क जैसे शहर जहां संकट गंभीर है वहां पर इलाज कर रहे चिकित्सा कर्मियों के पास आपूर्ति होने तक रुकने का समय भी नहीं है। 
न्यूयॉर्क के माउंट सिनाई अस्पताल समूह स्थित पुनर्वास केंद्र में काम करने वाली तीन बच्चों की मां डायना टोरेज कहती हैं, ‘‘ यहां सभी डरे हुए हैं।’’ उल्लेखनीय है कि इसी अस्पताल में हाल में कोरोना वायरस से 48 वर्षीय एक नर्स की मौत हो गई थी। 
डायना ने कहा, ‘‘मेरे सिर पर और पैरों में पहनने के लिए कुछ नहीं है।’’ उन्होंने बताया कि एक व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण, एक एन-95 मास्क को हासिल करने के लिए कितनी मेहनत करनी पड़ी जिसका उन्हें बार-बार इस्तेमाल करना होगा। 
विश्व की तकरीबन एक तिहाई आबादी बंद का सामना कर रही है। कुछ नेताओं ने चेतावनी दी है कि और बुरे दिन आने वाले हैं। वहीं सरकारों ने नियंत्रण के नये कदम और डूबती अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए पैकेज की घोषणा की है। 
ब्रिटेन, जहां पर मौतों का आंकड़ा एक हजार को पार कर चुका है और प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन स्वयं पिछले हफ्ते संक्रमित पाए गए हैं, ने चेतावनी दी है कि क्षितिज पर अभी और काले दिन है। 
जॉनसन ने कहा, ‘‘ हम जानते हैं कि हालात बेहतर होने से पहले बद्तर होंगे।’’ उन्होंने ब्रिटेन के सभी परिवारों को पत्र लिखा है जिसमें बताया गया है कि कैसे संक्रमण को रोका जा सकता है। 
ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने पहले कहा था कि बंदी केवल तीन हफ्ते तक रहेगी लेकिन प्रमुख विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यह स्थिति जून तक बनी रह सकती है। 
इम्पीरियल कॉलेज लंदन के प्रोफेसर नील फर्गुसन ने कहा, ‘‘ मेरे विचार से इन उपायों को उचित समय तक रखना होगा। संभवत: मई के अंत तक या शरुआती जून तक भी।’’ वह महामारी मामलों पर ब्रिटिश सरकार के प्रमुख सलाहकार हैं। 
कोविड-19 से बुरी तरह से प्रभावित इटली और स्पेन ने संकेत दिया है कि हाल फिलहाल में बंद के उपायों को हटाने की संभावना नहीं है बावजूद इसके कि इससे आर्थिक स्थिति खराब होगी। 
इटली के द्वीप सिसली में पुलिस को बेंत और बंदूक के साथ सुपरमार्केट की सुरक्षा करने पहुंचना पड़ा जहां पर स्थानीय लोगों द्वारा खाने-पीने का सामान लूटने की खबर आई थी क्योंकि वे इन्हें खरीदने में असमर्थ थे। 
ला रिपब्लिका अखबार के मुताबिक, ‘‘स्थानीय लोगों के समूह पलमेरो स्थित सुपरमार्केट में भुगतान किए बिना सामान लेकर भाग गए। किसी एक व्यक्ति को कैशियर के काउंटर पर चिल्लाते हुए सुना गया कि हमारे पास देने को पैसे नहीं है लेकिन हमें खाना चाहिए। 
स्पेन ने पहले ही देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा कर दी और गैर जरूरी गतिविधियों को रोक दिया है। 
ईरान के राष्ट्रपति हसन रोहानी ने कोरोना वायरस से 123 लोगों की मौत के बाद कहा कि देश को लंबे समय तक नयी जीवन पद्धति के साथ जीने के लिए तैयार रहना चाहिए।
हालांकि, चीन का वुहान शहर जहां पिछले साल यह वायरस सबसे पहले उभरा था, वहां हालात कुछ सामान्य हुए हैं। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि जन स्वास्थ्य को सबसे बड़ा खतरा संक्रमण के आयातित मामलों से है। 
करीब ढाई महीने के लॉकडाउन के बाद वुहान वापस लौट रहे स्थानीय लोगों की मदद में लगे हान ली ने कहा, ‘‘शुरुआत में हम अधिक भयभीत थे और सोचते थे कि विदेश ही सुरक्षित हैं लेकिन अब स्थिति दूसरी है। ऐसा लगता है चीन अधिक सुरक्षित है।’’ 
चीन घरेलू स्तर पर महामारी को नियंत्रित करने के बाद अपनी भूमिका बदल रहा है और उन देशों की मदद के लिए आगे आ रहा है जो कोरोना वायरस से प्रभावित हैं। 
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, अब घरेलू स्तर पर कोरोना वायरस से संक्रमण के मामले सामने नहीं आ रहे हैं लेकिन रोज दर्जनों आयातित मामले आ रहे हैं जिससे अब यहां की सरकार का ध्यान बाहरी खतरे से बचाव के तरीकों पर है। 
यह महामारी अब पश्चिमी देशों में पैर पसार चुकी है। जॉन हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका में 1,24,000 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। 
अमेरिका में टुकड़ों में उपाय किए जा रहे हैं। राष्ट्रपति ट्रम्प में न्यूयॉर्क और उसके पड़ोस के राज्यों को बंद करने पर गत सप्ताहांत भ्रम की स्थिति देखी गई। 
अमेरिका में कोरोना वायरस संक्रमण के केंद्र न्यूयॉर्क महानगर क्षेत्र को बंद करने के प्रस्ताव पर लोगों को हतप्रभ करते हुए ट्रम्प ने ट्वीट किया, ‘‘ बंद की कोई जरूरत नहीं है।’’ 
ट्रम्प का यह इनकार ऐसे समय आया जब उसी दिन अमेरिका में मौतों का आंकड़ा 2,100 से अधिक पहुंचा गया जो तीन दिन के भीतर दोगुनी संख्या है और इनमें से एक चौथाई मौत अकेले न्यूयॉर्क शहर में हुई है। 
मृतकों में शिकागो का एक नवजात भी शामिल था जो वैश्विक महामारी के कारण एक साल से भी कम उम्र के बच्चे की कोरोना वायरस के संक्रमण से मौत का दुर्लभ मामला है। 

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