वॉशिंगटन : अमेरिकी विश्लेषक मार्टिन लॉन्गमैन ने तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा पर भाषण के एक हिस्से को चोरी करने के आरोप को खारिज कर दिया। मोइत्रा का ‘फासीवाद के सात संकेत’ वाला भाषण पिछले सप्ताह वायरल हुआ था।
दरअसल मोइत्रा द्वारा लोकसभा में दिए गए इस भाषण के बाद कई लोगों ने ट्वीट कर यह आरोप लगाया कि मोइत्रा के पहले भाषण का हिस्सा वॉशिंगटन मंथली में 2017 में छपे ‘ द 12 अर्ली वॉर्निंग ऑफ फासीज्म’ यानी फासीवाद के शुरुआती 12 संकेत से उठाया गया था। इस आलेख में लेखक ने अमेरिका और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का हवाला दिया था।
लॉन्गमैन ने एक ट्वीट में कहा कि वह भारत में इंटरनेट पर प्रसिद्ध हो रहे हैं क्योंकि वहां की एक नेता पर मेरे आलेख से कुछ चीजें चुराने का आरोप है। यह हास्यास्पद है लेकिन दक्षिणपंथी हर देश में एक ही जैसे होते हैं।
हालांकि लॉन्गमैन का यह अकाउंट वेरीफाइड नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘ मोइत्रा ने कुछ भी चोरी नहीं किया।’’
वहीं लेखक ने आरोप लगाया कि भारत के कुछ लोग ट्विटर पर उनका अपमान कर रहे हैं लेकिन ज्यादातर ट्वीट उन्हें समझ ही नहीं आ रहा है।
लेखक ने कहा, ‘‘ मुझे अपमानजनक ट्वीटों का अनुवाद करने के लिए अनुवादक की जरूरत है।’
वहीं मोइत्रा ने इससे पहले अपने बयान में कहा था, ‘‘ साहित्य चोरी उसे कहते हैं जब आप अपने स्रोत नहीं बताते हैं। मैंने अपने भाषण में होलोकास्ट संग्रहालय में राजनीतिक वैज्ञानिक डॉक्टर लॉरेंस डब्ल्यू ब्रिट द्वारा बनाए गए पोस्टर का जिक्र किया था जिसमें उन्होंने फासीवाद के 14 संकेत बताए थे।’’