चीन ने मंगलवार को उम्मीद जताई कि भारत, अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया का चतुष्पक्षीय मालाबार अभ्यास क्षेत्रीय शांति एवं स्थायित्व के विरूद्ध नहीं बल्कि उसके अनुकूल होगा। मालाबार अभ्यास का पहला चरण मंगलवार को विशाखापट्टनम के समीप बंगाल की खाड़ी में शुरू होने वाला है और उसका समापन 6 नवंबर को होगा। उसका दूसरा चरण 17-20 नवंबर के दौरान अरब सागर में होगा।
इस अभ्यास की शुरूआत के बारे में पूछे जाने पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेंबिन ने यहां मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘‘ हम आशा करते हैं कि प्रासंगिक देशों का सैन्य अभियान इस क्षेत्र की शांति एवं स्थायित्व के विरूद्ध नहीं बल्कि उसके अनुकूल होगा। ’’ पिछले महीने भारत ने घोषणा की थी कि आस्ट्रेलिया मालाबार अभ्यास का हिस्सा होगा जो इसे प्रभावी रूप से चतुष्पक्षीय गठबंधन के सभी 4 सदस्य देशों के अभ्यास का रूप देगा।
चीन को मालाबार अभ्यास के उद्देश्य के बारे में संदेह है क्योंकि वह महसूस करता है कि यह वार्षिक अभ्यास हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उसके प्रभाव को नियंत्रित करने का प्रयास है। मालाबार अभ्यास 1992 में हिंद महासागर में भारतीय नौसेना और अमेरिकी नौसेना के बीच द्विपक्षीय अभ्यास के रूप में शुरू हुआ था। जापान 2015 में इस अभ्यास से जुड़ गया। अमेरिका चतुष्पक्षीय गठबंधन को रणनीतिक हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते दबदबे को नियंत्रण में रखने के लिए एक सुरक्षा ढांचा देने की पैरवी करता रहा है।