श्रीलंका और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बाद अब मालदीव ने जम्मू-कश्मीर की स्थिति को बदलने के लिए भारत द्वारा लिए गए फैसले का समर्थन करते हुए इसे देश का ‘आंतरिक मामला’ बताया है। मालदीव ने एक बयान में कहा, भारतीय संविधान के अनुच्छेद-370 के संबंध में भारत सरकार द्वारा लिया गया निर्णय एक आंतरिक मामला है।
बयान में कहा गया है, हम मानते हैं कि हर संप्रभु राष्ट्र को अपने कानूनों में संशोधन करने का अधिकार है। वहीं दूसरी ओर मंगलवार को श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने लद्दाख को एक नया केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने का समर्थन किया।
विक्रमसिंघे ने एक ट्वीट में कहा कि लद्दाख का निर्माण और जम्मू-कश्मीर का पुनर्गठन भारत का आंतरिक मामला है। इसके अलावा यूएई के राजदूत अहमद अल बन्ना ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को निरस्त करने के भारत सरकार के फैसले पर उनके देश का ध्यान भी गया है।
उन्होंने कहा कि यह भारत का आंतरिक मामला है, जिसका उद्देश्य क्षमता में सुधार करना है। उन्होंने कहा, राज्यों का पुनर्गठन स्वतंत्र भारत के इतिहास में एक अनोखी घटना नहीं है। इसका मुख्य उद्देश्य क्षेत्रीय असमानता को कम कर अपनी कार्यक्षमता में सुधार करना है। उन्होंने जम्मू एवं कश्मीर के संबंध में लिए गए निर्णय को भारतीय संविधान द्वारा निर्धारित एक आंतरिक मामला बताया।