पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी एवं पीएमएल-एन की उपाध्यक्ष मरियम नवाज को एक जवाबदेही अदालत ने शुक्रवार को 21 अगस्त तक देश की भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी की हिरासत में भेज दिया है। मरियम के साथ ही उनके चचेरे भाई यूसुफ अब्बास को भी एनएबी की हिरास में दे दिया गया है।
मरियम नवाज और अब्बास को चौधरी शुगर मिल मामले में राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) द्वारा गिरफ्तारी के एक दिन बाद अदालत में पेश किया गया था। प्रधानमंत्री के विशेष सहायक शहजाद अकबर के अनुसार, शरीफ परिवार ने अपने शेयरों के मनी-लॉन्ड्रिंग और अवैध हस्तांतरण के लिए चौधरी चीनी मिल्स का इस्तेमाल किया था।
अकबर ने कहा कि मिल के शेयरों को 2008 में मरियम नवाज को हस्तांतरित कर दिया गया था, जिन्होंने बाद में 2010 में उनमें से करीब 70 लाख शेयर अब्बास को हस्तांतरित कर दिए। मरियम पर आरोप है कि वह लाखों की कीमत के चीनी मिल के शेयरों के बारे में अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं कर पाईं।
एक रिपोर्ट के अनुसार, एनएबी ने अदालत के सामने 15 दिनों के फिजिकल रिमांड का अनुरोध किया था, लेकिन अदालत ने दोनों आरोपियों के 12 दिन के रिमांड को मंजूरी दी। मरियम नवाज को लाहौर की कोट लखपत जेल से गुरुवार को गिरफ्तार किया गया था, जहां वह अपने पिता से मिलने गई थीं।
विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ के बेटे एवं पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेता हमजा शहबाज भी रमजान चीनी मिल मामले के संबंध में अदालत में उपस्थित थे। नाराज पीएमएल-एन के कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर पथराव किया, जिसमें एक पुलिसकर्मी कथित रूप से घायल हो गया।