चीन भले ही कितने दावे करे कि उसके पास जैश-ए-मोहम्मद (जेएएम) के प्रमुख मसूद अज़हर को आतंकी करार देने के कोई ठोस सबूत नहीं हैं, लेकिन चीन का यह दावा ज्यादा दिन नहीं चलने वाला। क्योंकि एक ऑडियो क्लिप ने जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख की उस कालीकरतूत को उजागर कर दिया है, जिसमें उसने श्रीनगर में बीएसएफ कैंप हमला किया था। ऑडियो क्लिप में हमले की बात को जेएएम के सरगना ने खुद स्वीकार किया है। एक घंटे, 45 मिनट के लंबे ऑडियो में मसूद अजहर यह कहते हुए सुना जा सकता है, ‘जब-जब दुनिया कहेगी है कि हम जिहाद को खत्म करेंगे। हमारे लोग श्रीनगर में बीएसएफ शिविर पर हमला करेंगे।’
क्लिप में अजहर स्वीकार करता है कि वह पिछले 17 सालों में धर्म के नाम पर लोगों की भावना का इस्तेमाल कर फिदाइन मिशन के लिए तैयार कर है और इसके लिए लोगों को ट्रैनिंग दे रहा है। पठानकोट हमले के मास्टरमाइंट को यह भी कहते हुए सुना जा सकता है, ‘भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस्लाम और इस्लामी आतंकियों से नफरत करते हैं और हमें मारना चाहते हैं. जब भी हमारे मंत्री (पाकिस्तानी सरकार) किसी विदेशी दौरे पर जाते हैं तो अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी के कुछ नेता मदद के बदले हमें मारने की शर्त रखते हैं, लेकिन अल्लाह की कृपा से हम जीवित हैं।’
मसूद ने यह भाषण पाकिस्तान की किसी मस्जिद में दिया है। उसे यह कहते हुए साफ सुना जा सकता है कि दुश्मन देश भारत निराश और परेशान है। मसूद ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री परवेज मुशर्रफ की भी आलोचना की है। मुशर्रफ ने जैश-ए-मोहम्मद को देश से खत्म करने की बात कही थी. इस पर आतंकी सरगना कहता है, आज मुशर्रफ खुद पाकिस्तान में कहीं नहीं है, लेकिन जैश-ए-मोहम्मद है, अल्लाह ने हमें सबको बचा लिया है।’ मसूद के पूरे भाषण में अल्लाह के नाम पर जिहाद में शामिल होने को सबसे अहम बताया है।
मसूद को आतंकी घोषित करने में चीन का अडंगा
भारत की कोशिश पर अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र की अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादियों की सूची में जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया का नाम जोड़ने की पहल की थी. लेकिन इसमें चीन का समर्थन नहीं मिल रहा है. दो नवंबर को एक बार फिर चीन ने इस दावे को यह करते हुए खारिज कर दिया था कि मसूद के खिलाफ ऐसे कोई पुख्ता सबूत नहीं हैं, जिनके आधार पर उसे वैश्विक आतंकवादी घोषित किया जाए। चीन की इस कोशिश से भारत को निराशा हाथ लगी है. सुरक्षा परिषद में चीन एक स्थाई सदस्य है और उसने भारत से कहा था कि यूएन द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के लिए अजहर के खिलाफ पुख्ता सबूत पेश करे।
भारत द्वारा मांग उठाए जाने पर मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने को लेकर अमेरिका, फ्रांस व ब्रिटेन ने सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव पेश किया था. लेकिन चीन ने वीटो लगा दिया था। उसके बाद अमेरिका ने फिर कोशिश की लेकिन चीन ने दोबारा अडंगा लगा दिया था।