वैश्विक मंच पर मंचों पर अक्सर कश्मीर का राग अलाप रहे पाकिस्तान पर भड़कते हुए हुए विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि पाकिस्तान के पास जम्मू-कश्मीर पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है। इसके साथ ही भारत की ओर से उन्होंने पाकिस्तान को आतंक फैलाने के लिए खूब खरी-खोटी सुनाई।
केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कजाकिस्तान में सीआईसीए शिखर सम्मेलन में कहा कि पाकिस्तान के पास जम्मू-कश्मीर पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है। पाक वैश्विक आतंकवाद का केंद्र है पाक को आतंकवाद के अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को शट डाउन कर देना चाहिए। हम पाकिस्तान सहित अपने पड़ोसियों के साथ सामान्य संबंध चाहते हैं।
संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) में कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के बयान पर मीनाक्षी लेखी ने कहा, पाकिस्तान की टिप्पणी आज भारत के आंतरिक मामलों, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता में घोर हस्तक्षेप का गठन करती है जो सितंबर 1999 के सीआईसीए सदस्य राज्यों के बीच सिद्धांतों के मार्गदर्शक संबंधों पर सीआईसीए घोषणा के साथ असंगत है।
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उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पाकिस्तान ने एक बार फिर मेरे देश के खिलाफ झूठे और दुर्भावनापूर्ण प्रचार का प्रचार करने और सदस्य देशों के बीच आज की चर्चा और सहयोग के विषय और फोकस से ध्यान हटाने के लिए सीआईसीए मंच का दुरुपयोग करने का विकल्प चुना है।
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों का अपहरण
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचारों का मुद्दा उठाते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों के पूजा स्थलों पर हमले और तोड़फोड़ की घटनाएं और पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की नाबालिग लड़कियों के अपहरण, जबरन धर्म परिवर्तन और शादी के अनगिनत मामले पाकिस्तान में उनकी कमजोर स्थिति का सबूत हैं।
उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक समुदायों के साथ निराशाजनक व्यवहार के अपने रिकॉर्ड के साथ, पाकिस्तान को विश्व समुदाय को व्याख्यान देने के बजाय अपना घर व्यवस्थित करने की सलाह दी जाएगी। यह एक ऐसा देश है जहां धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों को व्यवस्थित रूप से सताया जाता है।