देश में चल रहे नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के बीच माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘हर देश को अपनी सीमाओं को परिभाषित करना चाहिए और राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा करनी चाहिए और उसके अनुसार आप्रवासियों की नीति निर्धारित करनी चाहिए। लोकतंत्र में यह एक ऐसी चीज है जिस पर जनता और तत्कालीन सरकारें बहस करेंगी और अपनी सीमाओं के भीतर परिभाषित करेंगी।’
आगे सत्या नडेला ने कहा, ‘मैं अपनी भारतीय विरासत से जुड़ा हूं, एक बहुसांस्कृतिक भारत में बढ़ा हूं और अमेरिका में मेरा आप्रवासी अनुभव है। मेरी आशा एक ऐसे भारत की है, जहां एक आप्रवासी स्टार्ट-अप को शुरू कर सकता हो या एक एमएनसी का नेतृत्व कर सकता हो, जिससे भारतीय समाज और अर्थव्यवस्था को बड़े पैमाने पर फायदा हो।’
इससे पहले सत्या नडेला ने एक कार्यक्रम में कहा था, ‘मुझे लगता है कि जो हो रहा है वह दुखद है…यह बुरा है….मैं एक ऐसे बांग्लादेशी आप्रवासी को देखना पसंद करूंगा जो भारत में आता है और इंफोसिस का अगला सीईओ बनता है. यह आकांक्षा होनी चाहिए. अमेरिका में मेरे साथ क्या होता, मुझे उम्मीद है कि भारत में भी ऐसा ही होता।’
BuzzfeedNews के एडिटर-इन-चीफ बेन स्मिथ ने ट्विट कर बताया कि भारत में जन्मे सत्य नडेला ने एक सवाल के जवाब ये बातें कही है। जिसमें उन्होंने कहा है कि हर देश को अपनी सीमाओं को परिभाषित करना चाहिए। राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा करना और उसके अनुसार आप्रवासी पॉलिसी तैयार करना चाहिए। और लोकतंत्रों में, यह कुछ ऐसा है कि जनता और उनकी सरकारें बहस कर उन सीमाओं को परिभाषित करेंगी।
बता दें कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) पिछले साल 11 दिसंबर को संसद द्वारा पारित किया गया था और 10 जनवरी से यह प्रभावी भी होग गया है। इस कानून के अनुसार हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के जो सदस्य 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हैं और जिन्हें अपने देश में धार्मिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है, उन्हें गैरकानूनी प्रवासी नहीं माना जाएगा, बल्कि भारतीय नागरिकता दी जाएगी।