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अमेरिकी हमले में मारे गए ईरानी जनरल सुलेमानी को अंतिम विदाई देने उमड़े लाखों लोग

घटना के बाद ईरान ने ना सिर्फ बदला लेने की कसम खायी है बल्कि 2015 परमाणु समझौते के बचे-खुचे नियमों पर अमल से पीछे हट गया है।

तेहरान : अमेरिकी ड्रोन हमले में पिछले सप्ताह मारे गए अपने शीर्ष सैन्य नेता को अंतिम विदाई देने के लिए काले कपड़ों में लाखों की संख्या में लोग तेहरान की सड़कों पर जमा हुए। इस भारी भीड़ में अनेक लोग हाथों में ‘अमेरिका मुर्दाबाद’ की तख्तियां और अपने लोकप्रिय सैन्य हीरो सुलेमानी की तस्वीर लिए हुए थे। 
अमेरिकी डोन हमले में बगदाद में मारे गए सुलेमानी और अन्य सैनिकों के जनाजे की नमाज खुद ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने पढ़ी। सुलेमानी (62) को निशाना बनाकर उनपर हमला करने का आदेश अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दिया था। घटना के बाद ईरान ने ना सिर्फ बदला लेने की कसम खायी है बल्कि 2015 परमाणु समझौते के बचे-खुचे नियमों पर अमल से पीछे हट गया है। 
पहले से ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय और बाजारों के लिए चिंता का विषय बने वाक् युद्ध ने ट्रंप की धमकी के बाद और भीषण रुप ले लिया है। ट्रंप ने धमकी दी है, अगर ईरान पलटवार करता है तो अमेरिका उसके सांस्कृतिक धरोधर स्थलों सहित अन्य हिस्सों को निशाना बनाएगा। 
इस बीच इराक की संसद ने देश में मौजूद 5,200 अमेरिकी सैनिकों को बाहर निकालने की मांग की है, क्योंकि बगदाद में हुए अमेरिकी ड्रोन हमले में इराकी शीर्ष सैन्य नेतृत्व में शामिल अबु महदी अल-मुहान्दिस भी मारे गए हैं। इस पर ट्रंप ने धमकी दी है, अगर अमेरिकी सैनिकों को जबरन निकाला गया तो इराक के खिलाफ ऐसे प्रतिबंध लगेंगे ‘‘जिनके सामने ईरान पर लगे प्रतिबंध भी फीके नजर आएंगे।’’ 
नाटो के एक अधिकारी ने बताया कि ‘‘क्षेत्र में हालात से निपटने के लिए’’ नाटो के राजदूतों की ब्रसेल्स मुख्यालय में एक अभूतपूर्व बैठक होनी थी। इस हमले के बाद नाटो को इराक में अपना प्रशिक्षण मिशन रोकना पड़ा है। वहीं जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन ने ईरान से अनुरोध किया है कि वह ‘‘अन्य हिंसक कदम उठाने या उनका समर्थन करने’’ से बचे और 2015 परमाणु समझौते के खिलाफ ना जाए। 
जर्मन चांसलर एंजला मर्केल, फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने रविवार को एक संयुक्त बयान में कहा, ‘‘अब तनाव को कम करना महत्वपूर्ण है।’’ बयान में कहा गया है, ‘‘हम सभी संबंधित पक्षों से सर्वोच्च संयम बरतने और जिम्मेदारी दिखाने का अनुरोध करते हैं।’’ 2015 में ईरान और विश्व ताकतों के बीच हुए परमाणु समझौते का लक्ष्य ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकना था और इसके बदले इस्लामिक देश को उसपर लगे कठोर प्रतिबंधों से राहत मिली थी। लेकिन 2018 में ट्रंप ने अमेरिका को इससे अलग कर लिया जिससे समझौता बेहद कमजोर पड़ गया। 
ईरान द्वारा रविवार को परमाणु संवर्द्धन की दिशा में उठाए गए कदम के बावजूद देश का कहना है कि वह अपने परमाणु कार्यक्रमों की निगरानी कर रही संयुक्त राष्ट्र की संस्थाओं के साथ सहयोग जारी रखेगा। यूरोपीय नेताओं ने सभी संबंधित पक्षों से अनुरोध किया कि वे लोग आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट (आईएस) के खिलाफ जारी लड़ाई को कमजारे ना बनाएं। हालांकि आईएस अपनी स्वयंभू खिलाफत खो चुका है लेकिन उसके आतंकवादी अभी भी सक्रिय हैं।
 
तेल के संसाधन में धनी क्षेत्र में तनाव बढ़ने से एक ओर जहां कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आया है और शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव रहा वहीं सोमवार को शुरुआती कारोबार में सोना छह साल के अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। ईरान की राजधानी तेहरान की मुख्य सड़क पर अंतिम विदाई देने उमड़े शोक संतप्त लाखों लोगों ने काले कपड़े पहने हुए थे और उनके हाथों में लाल शिया झंडा था। वे लोग ‘अमेरिका मुर्दाबाद’ और ‘इज़राइल मुर्दाबाद’ के नारे लगा रहे थे। ईरान की सरकारी टीवी के अनुसार, लाखों की संख्या में लोग सुलेमान को अंतिम विदाई देने पहुंचे। 
बगदाद हमले में मारे गए सुलेमानी और पांच अन्य शहीदों के जनाजे की नमाज के दौरान खामनेई की आंखें भर आयीं और एक बार वह रो पड़े। सर्वोच्च नेता के साथ इस दौरान राष्ट्रपति हसन रुहानी, अन्य शीर्ष नेता और सैन्य अधिकारी, सुलेमानी के पुत्र और देश के नए सेना प्रमुख इस्लाइल गनी भी उपस्थित थे। 

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